किसने किया दगा, कौन रहा सगा, यह विधानसभा चुनाव के टिकट बताएंगे

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फरीदाबाद, 17 अप्रैल (हि.स.)। लोकसभा चुनाव के नतीजे विधानसभा चुनाव के समय टिकटों के बंटवारे में अहम भूमिका निभाएंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हाईकमान ने तो कह ही दिया है कि जो भी नेता लोकसभा चुनाव में सक्रिय नहीं रहेगा, उसे विधानसभा चुनाव में इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा। बावजूद इसके लोकसभा चुनाव में विभीषणों की कमी नहीं है।
भाजपा उम्मीदवार कृष्णपाल गुर्जर के चुनाव अभियान से अभी भी कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल दूरी बनाए हुए हैं। हालांकि मीडिया के माध्यम से वह भाजपा को जिताने की अपील कर रहे हैं। भाजपा के पूर्व सांसद रामचंद्र बैंदा के पुत्र दयानंद बैंदा टिकट न मिलने से चुनाव गतिविधियों से दूरी बनाए हुए हैं।
कांग्रेस का भी कुछ ऐसा ही हाल है। पार्टी उम्मीदवार विधायक ललित नागर की पहली मीटिंग में ही टिकटार्थियों की दौड़ में शामिल पूर्वमंत्री महेंद्र प्रताप, पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना एवं विधायक करण दलाल की अनुपस्थिति रहे। नागर तीनों को मनाने का प्रयास भी कर चुके हैं। नागर का कहना है कि उनके नामांकन के समय सभी नेता साथ होंगे।
कांग्रेस और भाजपा हाईकमान की जिले के हर विधानसभा क्षेत्र के टिकटार्थियों पर पैनी नजर है। मनोहर सरकार को समर्थन देने वाले पृथला के विधायक टेकचंद शर्मा और एनआईटी के विधायक नगेंद्र भड़ाना भी अभी खामोश हैं। टेकचंद शर्मा के कृष्णपाल गुर्जर से मधुर संबंध नहीं हैं। उद्योगमंत्री विपुल गोयल से उनके बेहतर संबंध हैं।
तिगांव से पूर्व भाजपा उम्मीदवार राजेश नागर का भविष्य भी इस चुनाव की सफलता पर टिका है। वह भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में सक्रिय हैं। पलवल, होडल एवं हथीन का मोर्चा मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव दीपक मंगला, पूर्व विधायक रामरत्न आदि के कंधों पर है।
कांग्रेस हाईकमान की भी अपने नेताओं पर नजर है। एनआईटी इलाके के पूर्व मंत्री पं. शिवचरण लाल शर्मा के पुत्र मुकेश शर्मा, नीरज शर्मा, बडखल क्षेत्र के पूर्वमंत्री महेंद्र प्रताप और विजय प्रताप, फरीदाबाद के लखन कुमार सिंगला, पृथला के पूर्व विधायक रघुबीर सिंह तेवतिया, तिगांव से कांग्रेस उम्मीदवार, पलवल के करण दलाल, होडल के विधायक उदयभान और हथीन के मोहम्मद बिलाल का भविष्य भी लोकसभा चुनाव तय करेंगे। 


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