कालेधन से निपटने में आईआरएस महत्वपूर्ण कड़ी : राष्ट्रपति

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नई दिल्ली, 08 मार्च (हि.स.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश की वित्तीय प्रणाली को स्वच्छ बनाने और कालेधन के खतरों को कम करने में लोकसेवकों और विशेष रूप से आईआरएस अधिकारियों को महत्वपूर्ण कड़ी हैं।
राष्ट्रपति भवन में आईआरएस के 72वें बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। इस दौरान कोविंद ने आईआरएस प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। आने वाले दशक में इसकी जीडीपी दोगुनी से अधिक होने की उम्मीद है। इससे चौतरफा अवसर पैदा होंगे। यह कर राजस्व बढ़ाएगा और राजस्व अधिकारियों के लिए चुनौतियां बढ़ाएगा। उन्हें हमारे देश के आर्थिक इंजन को सुविधाजनक बनाते हुए चुनौतियों का सामना करना होगा।
उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में सरकार ने हमारी वित्तीय प्रणाली को साफ करने और काले धन के खतरे को कम करने के लिए कई पहल की हैं। आईआरएस अधिकारी इस लड़ाई में अग्रिम पंक्ति के सैनिक हैं। विमुद्रीकरण, आय घोषणा योजना और बेनामी लेनदेन निषेध अधिनियम में संशोधन जैसे कदमों ने हमारी अर्थव्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए लोगों और सरकार की इच्छा को प्रदर्शित किया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आम लोगों को हमारे लोक सेवकों और विशेष रूप से आईआरएस अधिकारियों से बहुत उम्मीदें हैं। वे सरकार और नागरिकों के बीच सबसे महत्वपूर्ण इंटरफेस में से एक हैं। उन्होंने उन्हें सलाह दी कि वे यह कभी न भूलें कि यह ‘वी, द पीपल’ से है, जो भारत के लोगों की सेवा करने के लिए उनकी शक्ति और अधिकार प्राप्त करते हैं।


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