कांग्रेस के लिए महिलाएं बहाना, 24 पर निशाना
लखनऊ, 05 फरवरी (हि.स.)। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रचार इस बार महिलाओं और युवाओं पर केंद्रित है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि इस चुनाव में भले ही पार्टी को इसका बहुत लाभ न मिले, लेकिन लोकसभा चुनाव में इसका फायदा जरूर मिलेगा।
पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा महिला सुरक्षा एवं सशक्तीकरण का मुद्दा लगातार उठा रही हैं। उनका ‘लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ’ का नारा बहुत जल्दी ही लोकप्रिय हो गया। कांग्रेस ने 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दिया। कांग्रेस ने तमाम ऐसी महिलाओं को टिकट दिया है जो न सिर्फ उत्पीड़न का शिकार रही हैं, बल्कि उन्होंने निर्भय होकर अत्याचार के ख़िलाफ़ संघर्ष किया है।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो भाजपा जहां दोबारा प्रदेश की सत्ता में आने के लिए विकास, धर्म एवं संस्कृति को आधार बनाकर चुनाव मैदान में है, वहीं सपा के पास तुष्टीकरण एवं जाति आधारित गठजोड़ के सिवा कुछ नहीं है। कांग्रेस महिला एवं युवाओं का मुद्दा उठा रही है।
प्रियंका की ओर से एक करोड़ पोस्टकार्ड उत्तर प्रदेश की महिलाओं को भेजे जा रहे हैं, जिसमें पार्टी के वादों का ज़िक्र करते हुए समर्थन की अपील की गयी है। इनमें 12वीं की लड़कियों को समार्टफोन और स्नातक कर रही लड़कियों को स्कूटी देने से लेकर 20 लाख सरकारी नौकरियों में 8 लाख महिलाओं को देने जैसे वादे शामिल हैं। कांग्रेस ने महिलाओं के लिए अलग से घोषणापत्र जारी करके भी एक नई शुरुआत की है। इसे ‘शक्ति विधान’ नाम दिया है, जिसमें महिलाओं के लिए पार्टी के वादों को विस्तार से रखा गया है।
कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता शुचि विश्वास श्रीवास्तव ने कहा कि प्रियंका गांधी जबसे उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनीं हैं तब से निरन्तर वह महिलाओं, किसानों और युवाओं के मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रही हैं। लड़की हूं लड़ सकती हूं के नारे का ही असर है कि अपने अधिकारों एवं अन्याय की लड़ाई लड़ रही हर महिला आज कांग्रेस के साथ खड़ी हैं। पार्टी ने अपने वादे के मुताबिक 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को दिया है।