कर्नाटक: जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार के भविष्य पर संशय
बेंगलुरु, 21 मई (हि.स.)। कई एग्जिट पोल के नतीजों में केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार की वापसी होने की संभावना दिख रही है। यह खबर मई 2018 में सत्ता में आई कर्नाटक की जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार के लिए अच्छी नहीं होने का संकेत भी है।
एग्जिट पोल की मानें तो राज्य की 28 सीटों में से लगभग 16 से 23 निर्वाचन क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी के विजयी होने की संभावना है। एग्जिट पोल में कांग्रेस को 6 से 8 और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) को 1-2 सीटों पर जीत हासिल होने का अनुमान जताया गया है। एग्जिट पोल के आंकड़ाेें से दोनों सत्तारूढ़ दलाेें के नेता मतगणना से पहले ही परेशान हैंं। मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने मंगलवार को विपक्षी दलों की दिल्ली में होने वाली बैठक में जाने का कार्यक्रम अचानक रद्द कर दिया है।
केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार यदि फिर केंद्र में सत्ता में आती है तो न केवल जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार का कार्यकाल अल्पकालिक होगा, बल्कि सरकार किसी भी समय गिरने की संभावना बनी रहेगी। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी लेकिन सदन में बहुमत साबित करने से पहले ही इस्तीफा देना पड़ा था। यह राज्य और पार्टी के कुछ नेताओं के लिए शर्मिंदगी वाली बात थी। राज्य विधानसभा में अपमानजनक हार का सामना करने के बाद भी पार्टी के वरिष्ठ नेता येदियुरप्पा ने चुप रहना पसंद नहीं किया बल्कि घोषणा करते रहे कि जेडीएस-कांग्रेस सरकार के दिन लद गए हैं और वह जल्द ही मुख्यमंत्री बनेंगे।
इस तरह के तमाम बयानों को स्थानीय टीवी चैनलों ने ब्रेकिंग न्यूज बना दिया लेकिन राज्य में राज्य की गठबंधन सरकार की स्थिति पर शायद ही कोई प्रभाव डाला। कभी-कभी बीएस येदियुरप्पा बार-बार अपने लंबे दावों पर अड़ जाते थे क्योंकि उनकी कोई भी स्वप्रमाणित भविष्यवाणियां कभी पूरी नहीं हुईं और न ही बाद में ऐसी संभावनाओं का संकेत मिला। लेकिन ये सभी उदाहरण अब केवल याद करने के लिए अच्छे हैं क्योंकि वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम ने भारतीय जनता पार्टी को एक लाभप्रद स्थिति में पहुंचा दिया है।
दूसरी ओर, कांग्रेस ने सत्ता में बने रहने के लिए जेडीएस से गठजोड़ किया था। अब जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष एच विश्वनाथ और अन्य नेता खुलेआम कांग्रेस नेताओं पर हमला कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और गठबंधन की समन्वय समिति के प्रमुख सिद्धारमैया के खिलाफ उनका गुस्सा अधिक है। सिद्धारमैया बार-बार राज्य के मुख्यमंत्री बनने का दावा करके आग में घी डाल रहे हैं। सिर्फ़ सिद्धारमैया ही नहीं बल्कि अन्य कांग्रेस नेता भी समय-समय पर सार्वजनिक रूप से इस तरह की माँग को उठाते रहे हैं।
जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष एच विश्वनाथ के सार्वजनिक बयान पार्टी सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा और मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के समर्थन के बिना दिए नहीं हो सकते हैं। कांग्रेस के मंत्रियों और नेताओं ने इनको निजी तौर पर ‘असहनीय’ कहा था।