कनाडा की ओर रुख कर रहीं अमेरिकी टेक कंपनियां
लॉस एंजेल्स 20मार्च (हि.स.)। अमेरिका में एच1बी वीजा की मांग करने वाली अमेरिकी कंपनियों को भारत और चीन से आने वाले टेक कर्मियों की ज़रूरत सिलिकन वैली की बजाए अब कनाडा के दो बड़े शहरों टोरंटो और ओटावा में ज़्यादा महसूस हो रही है। ट्रम्प प्रशासन के पिछले दो सालों में एच-1बी को लेकर टेक कर्मियों की परेशानियों के मद्देनजर अमेरिकी कंपनियों ने अपने कॉरपोरेट ऑफिस टोरंटो और ओटावा में खोल लिए हैं।
‘एनवोय ग्लोबल स्टडी’ के अनुसार, अमेरिका के छोटे बड़े 400 टेक कर्मियों ने स्टार्ट अप के ज़रिए अथवा अपने-अपने कॉरपोरेट कार्यालयों के माध्यम से विदेशी टेक कर्मियों, ख़ास कर भारत, चीन और एशियाई देशों में बड़े स्तर पर पहुंचना शुरू कर दिया है। इनमें से 80 प्रतिशत नियोक्ता अपने टेक कर्मियों को मौजूदा वर्ष के लिए नियुक्त कर रहे हैं। हालांकि अमेरिका की बड़ी टेक कंपनियों में माइक्रोसॉफ्ट गूगल, फ़ेसबुक और अमेजन बेहतर रोज़गार नीतियों की मांग कर रही हैं। साथ ही ये कम्पनियां इस कार्य के लिए भारत और चीन में लाबिंग पर ख़ासा धन व्यय कर रही हैं।
इन कंपनियों ने पिछले साल होमलैंड सिक्यूरिटी को एक पत्र लिख कर ट्रम्प प्रशासन की इम्मिग्रेशन नीतियों में सुधार की मांग की थी। इसका एक बड़ा कारण सन 2018 में एच1बी कर्मियों के वीज़ा नवीकरण में 60 प्रतिशत पेपरवर्क में वृद्धि और ग्रीन कार्ड दिए जाने में बाधाओँ की चर्चा की गई थीं, जो अच्छे टेक कर्मियों को कनाडा की ओर प्रेरित करती हैं।
कनाडा के इम्मीग्रेशन मंत्री अहमद हुसैन ने पिछले साल कहा था कि देश में साल 2021 तक प्रति वर्ष साढ़े तीन लाख टेक कर्मियों की दरकार होगी। इसके लिए फ़िलहाल प्रतिवर्ष 3लाख 10 हज़ार टेक कर्मी आ रहे हैं, जो साल 2021 में बढ़ कर साढ़े तीन लाख होंगे।
एनवोय के अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार, 63 प्रतिशत टेक नियोक्ताओँ को अमेरिका नहीं, कनाडा में टेक कर्मियों की ज़रूरत है। 65 प्रतिशत टेक कर्मियों की मानें तो कनाडा की इमीग्रेशन नीति बेहतर है। इन टेक कम्पनियों में 38 प्रतिशत के कार्यालय कनाडा की ओर रुख कर रहे हैं, जबकि 21 प्रतिशत का कोई न कोई ऑफिस कनाडा में है।
विदित हो कि एच1बी वीजा के लिए आवेदन के चयन में छह माह लगते हैं, तो कनाडा में दो माह।
एमएआरएस कंपनी समूह के वू कहते हैं कि सन 2016 की तुलना में 2017 में सौ प्रतिशत रोजगार बढ़े हैं, जबकि दो सौ प्रतिशत राजस्व में वृद्धि हुई है जो 3.1 अरब डॉलर है। इसे कौशल और इनोवेशन कहा जाए तो ग़लत नहीं होगा।
कनाडा आज एक मेजर टेक हब बन चुका है। सीबीआरई टेक टैलेंट लिस्ट में टोरंटो चौथे स्थान पर है। पहले तीन स्थानों पर एसएफओ, सिएटल और वाशिंगटन डीसी हैं। यही नहीं टोरंटो ने इन तीन स्थानों की तुलना में ज़्यादा रोज़गार दिए हैं।
टोरंटो के बाद ओटावा ने तेज़ी से विकास किया है। इसका प्रमाण रियल एस्टेट कम्पनी सीबीआरई के पास है, जो कॉरपोरेट के लिए भवन का इंतजाम करती है।