एस्सार स्टील पर 15,431 करोड़ का कर्ज, एसबीआई बेचेगी लोन
मुंबई, 17 जनवरी (हि.स.)। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का एस्सार स्टील पर 15,431 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। एसबीआई ने 30 जनवरी 2019 तक ई-ऑक्शन पर सेल ऑफ फाइनेंसियल असेट के तहत इस कर्ज को बेचने का निर्णय लिया है। एसबीआई की ओर से 9587.64 करोड़ रुपये का रिजर्व प्राइज बैंड रखा गया है। लोन खरीदने वाले इल रिजर्व प्राइज बैंड पर अपनी बोली लगा सकते हैं। एस्सार स्टील पर बकाया इस लोन के लिए एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियां (एआरसी), नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां, दूसरे बैंक और फाईनेंशियल इंस्टीट्यूशंस बोली लगा सकते हैं। यह बोली पूरी तरह से कैश आधारित होगी।
बता दें कि एस्सार स्टील के लिए आर्सेलर मित्तल की ओर से जो रिजोल्यूशन प्लान बनाया गया था, उसे क्रेडिटर्स की कमेटी ने मंजूर नहीं किया। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही एसबीआई को 11,313 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान मिल सकता था। लेकिन एस्सार स्टील की बिक्री प्रक्रिया पूरी होने में समय लग रहा है। यह मामला एनसीएलटी में भी चल रहा है। एनसीएलटी के आदेश के बाद इसे एनसीएलएटी में चुनौती दी जा सकती है। इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत किसी भी मामले के निपटारे के लिए अधिकतम 270 दिन तय किया गया है। लेकिन लगभग दो साल से इस मामले पर कोई नतीजा नहीं आ सका है। इसे देखते हुए एसबीआई ने ई-ऑक्शन्स के जरिए एस्सार स्टील को दिए गए लोन को बेचने का निर्णय लिया है। एसबीआई का नेट प्रॉफिट भी पिछले साल की तुलना में 40 प्रतिशत घटकर 945 करोड़ रुपये रह गई थी।
एसबीआई की ऑक्शन वेबसाइट पर कहा गया है कि बैंक ने वर्किंग कैपिटल 1 के तहत 1940.03 करोड़ रुपये का रिजर्व प्राइज रखा है, जबकि वर्किंग कैपिटल II के लिए 1086.92 करोड़ रुपये, टर्म लोन (सीडीपी) के लिए 1515.16 करोड़ रुपये, कॉर्पोरेट लोन 1 ए के तहत 1755.72 करोड़ रुपये, कॉर्पोरेट लोन 1 बी के तहत 502.07 करोड़ रुपये, कॉर्पोरेट लोन 2 के तहत 1342.03 करोड़ रुपये और ईपीबीजी एवं एसबीएलसी के तहत 1445.72 करोड़ रुपये की रिजर्व प्राइज निर्धारित की है। बैंक ने इस ई-ऑक्शन के तहत 9587.64 करोड़ रुपये का न्यूनतम रिजर्व प्राइज रखी है। बैंक की ओर से कहा गया है कि रिजोल्यूशन प्रोसेस सालभर के भीतर पूरा होने पर खरीददार को रिजर्व प्राइस से ज्यादा रकम चुकाना होगा। इस लोन को खरीदने के लिए निविदाकारों को कल 18 जनवरी तक निविदाएं भेजनी होंगी।