एनरॉन-डाभोल पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ 18 साल से लंबित केस को बंद करने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश
नई दिल्ली, 11 अप्रैल (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने एनरॉन-डाभोल पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ 18 साल से लंबित केस को आज बंद करने का आदेश दिया। 90 के दशक में अमेरिकी कंपनी एनरॉन की तरफ से नेताओं को पैसे दिए जाने के आरोप देश में चर्चा का विषय बने थे। मामले में पहले हुई जांच और देरी का हवाला देते हुए महाराष्ट्र सरकार ने केस बंद करने का आग्रह किया था ।
इस मामले में कई नेता और नौकरशाह आरोपित थे। महाराष्ट्र विद्युत बोर्ड के साथ 1993 में बिजली खरीदने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद अमेरिकी कंपनी एनरॉन और उसकी सहयोगी कंपनी डाभोल पावर कारपोरेशन ने महाराष्ट्र में अपने प्रोजेक्ट लगाए थे। इस मामले में मजदूर संगठन सीटू ने बिजली खरीद समझौते को बरकरार रखने के बांबे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि इस मामले को बंद किया जाए, क्योंकि इसमें जांच हो चुकी है और काफी देरी हो चुकी है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने महाराष्ट्र सरकार की याचिका को स्वीकार करते हुए इस केस को बंद करने का आदेश दिया।