एनआरसी मामला: सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार के मुख्य सचिव और गृह सचिव को किया तलब
नई दिल्ली, 26 मार्च (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने असम में एनआरसी के मामले में सुनवाई करते हुए असम सरकार के मुख्य सचिव (चीफ सेक्रेटरी) और गृह सचिव(होम सेक्रेटरी) को तलब किया है। कोर्ट ने पूछा है कि क्या फॉरेन ट्रिब्युनल का आदेश एनआरसी के प्राधिकार से ऊपर होगा। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने असम के दोनों शीर्ष अफसरों को 28 मार्च को पेश होने का आदेश दिया है।
सुनवाई के दौरान असम और केन्द्र सरकार ने कहा कि फॉरेन ट्रिब्युनल का नआदेश एनआरसी के कार्यकारी आदेश को प्रभावित कर सकता है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने पूछा कि अगर एनआरसी प्राधिकार और फॉरेन ट्रिब्युनल के फैसले अलग-अलग आते हैं तब किसका आदेश माना जाएगा।
पिछले 12 मार्च को सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग ने कहा था कि एनआरसी के ड्राफ्ट में नाम शामिल नहीं होने पर किसी वोटर का नाम नहीं काटा गया है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से पूछा था कि 31 जुलाई को प्रकाशित होने वाली असम की फाइनल एनआरसी में अगर किसी का नाम नहीं आता है और उसका नाम वोटर लिस्ट में है तो वह क्या कार्रवाई करेंगे? तब निर्वाचन आयोग ने कहा था कि एनआरसी के ड्राफ्ट में नाम शामिल न होने पर किसी वोटर का नाम नहीं काटा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा था कि 01 जनवरी,2018 से 01 जनवरी,2019 के बीच मतदाता सूची में कितने नाम जोड़े और घटाए गए है इसका ब्यौरा दें।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया है कि 2019 के आम चुनाव में असम में लाखों लोग मताधिकार से वंचित हो सकते हैं क्योंकि उन्हें एनआरसी ड्राफ्ट में शामिल नहीं किया गया है।