एनआईए कोर्ट से साध्वी प्रज्ञा को मिली राहत, नहीं लगाई चुनाव लड़ने पर रोक
भोपाल, 24 अप्रैल (हि.स.)। मध्यप्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल लोकसभा सीट भोपाल से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बुधवार को एनआईए की विशेष अदालत से बड़ी राहत मिल गई है। एनआईए ने साध्वी प्रज्ञा की उम्मीदवारी पर लगी याचिका खारिज करते हुए याचिका को नकारात्मक बताया है। एनआईए की विशेष अदालत ने कहा कि कौन चुनाव लड़ सकता है, कौन नहीं यह तय करने का काम निर्वाचन आयोग करे।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा सीट भोपाल से उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा मालेगांव बम ब्लास्ट में आरोपित रही हैं और जेल की हवा खाने के बाद सबूतों के अभाव में उन्हें जमानत पर छोड़ा गया है। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि साध्वी प्रज्ञा पिछले 9 साल से वे जेल में थीं और उनके बिगड़ते स्वास्थ्य कारणों की वजह से जमानत मिली है। याचिकाकर्ता का दावा था कि खराब स्वास्थ्य व आरोपित होने के बावजूद साध्वी प्रज्ञा चुनाव कैसे लड़ सकती हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत में यह दावा भी किया था कि साध्वी प्रज्ञा चुनाव प्रचार तो बड़ी ज़ोर शोर से कर रही हैं, लेकिन जब बात कोर्ट में पेश होना होता है तो वह खराब स्वस्थ का बहाना कर लेती है। एनआईए कोर्ट में यह याचिका 2008 में हुए मालेगांव बम ब्लास्ट के एक पीड़ित के पिता ने अपने वकील के माध्यम से लगाई थी।
साध्वी प्रज्ञा की पैरवी कर रहे वकील ने न्यायधीश वीएस वडालकर के सामने उनकी ओर से अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता द्वारा दर्ज याचिका एक पब्लिसिटी स्टंट मात्र है, जिसके जवाब में अदालत ने कहा कि लोकसभा चुनाव में इस न्यायालय के पास किसी को चुनाव लड़ने से रोकने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है, कौन चुनाव लड़ सकता है, कौन नहीं यह तय करने का काम निर्वाचन अधिकारियों का है। एनआईए कोर्ट ने कहा कि यह अदालत आरोपित नंबर 1 (साध्वी प्रज्ञा ) को चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती है, यह आवेदन नकारात्मक है।
एनआईए स्पेशल कोर्ट के फैसले पर साध्वी प्रज्ञा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया ट्वीटर पर ट्वीट करते हुए कहा है कि, सत्य तो सत्य होता है और जीत हमेशा सच्चाई और धर्म की ही होती है।