एचएयू के बाजरा अनुभाग को सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान केंद्र अवार्ड

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हिसार, 07 मार्च (हि.स.)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की 57वीं वार्षिक समूह बैठक में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के बाजरा अनुभाग को बाजरा में उत्कृष्ट अनुसंधानों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2021-22 का सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान केंद्र अवार्ड प्रदान किया गया है। परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र ने यह अवार्ड प्रदान किया।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने सोमवार को बताया कि विश्वविद्यालय के बाजरा अनुभाग ने हाल ही के वर्षों में बाजरा की उन्नत किस्मों के विकास, बाजरा में नए रोगकारक की पहचान, बाजरा के संकर बीज उत्पादन व व्यवसायीकरण में बहुत सराहनीय कार्य किए हैं। इसके दृष्टिगत उसे यह अवार्ड दिया गया है। इस अनुभाग ने हाल ही में बाजरा की उच्च लौह तत्व युक्त दो बायो-फोर्टिफाइड (दानों में लौह तत्व 73-83 पीपीएम) संकर किस्मों एचएचबी 299 व एचएचबी 311 के विकास के साथ दिसंबर 2021 में यहां विकसित की गई आण्विक चिह्नों की सहायता से चयनित बेहतर बाजरा ईडीवी संकर एचएचबी 67 संशोधित-2 किस्म, जिसमें इसके पुराने संस्करण एचएचबी 67 संशोधित की तुलना में बेहतर डाउनी मिलडयू फंफूदी प्रतिरोधक क्षमता है, का अनुमोदन हुआ है। इसके अतिरिक्त इस अनुभाग ने बाजरा के एक नए तना गलन रोग (स्टेम रोट) व उसके कारक जीवाणु की पहचान के साथ बाजरा की संकर किस्मों के बीज उत्पादन, क्रय एवं विपणन के लिए वर्ष 2021 में निजी कम्पनियों के साथ तीन गैर विशिष्ट लाइसेंस अनुबंध किए हैं।
इस अवार्ड को हासिल करने में बाजरा अनुभाग के अध्यक्ष अनिल कुमार, आनुवंशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग के अध्यक्ष एवं कृषि महाविद्यालय के डीन एसके पाहुजा, एलके चुघ, देवव्रत, केडी सहरावत, विनोद कुमार, अशोक डहिनवाल, नीरज खरोड, एसएस यादव, वीनू सांगवान, मुकेश कुमार, राव पंकज और धर्मेन्द्र कुमार की कड़ी मेहनत, समर्पण और ठोस प्रयासों का परिणाम है, जिन्होंने बाजरा अनुसंधान में विभिन्न क्षमताओं में योगदान दिया है। कुलपति ने इन सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी और उन्हें भविष्य में भी गुणवत्ताशील अनुसंधान जारी रखने के लिए प्रेरित किया।


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