उप्र में 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी सपा और बसपा

0

लखनऊ, 12 जनवरी (हि.स.)। बहुजन समाजवादी पार्टी और समाजवादी पार्टी ने शनिवार को लोकसभा चुनाव को लेकर अपने गठबंधन का ऐलान किया। दोनों पार्टियां उत्तर प्रदेश में 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। गठबंधन से कांग्रेस को बाहर किया गया है। हालांकि उसके लिए अमेठी और रायबरेली की सीट छोड़ दी गई है।
गेस्ट हाउस कांड भूलकर कर रहे चुनावी समझौता

राजधानी स्थित एक होटल में समाजवादी पार्टी व बहुजन समाजवादी पार्टी की संयुक्त प्रेसवार्ता में इसकी घोषणा की गई। इस दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि हम देश व जनहित के लिए गेस्ट हाउस कांड को भूलकर चुनावी समझौता कर रहे हैं। भाजपा की घोर जातिवादी नीति, अयोध्या और साम्प्रदायिक उन्माद के कारण हम एकजुट हो रहे हैं। यह एक क्रांतिकारी फैसला है। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ चुनाव जीतने के लिए एकजुट नहीं हुए हैं, बल्कि हमारा मकसद बेरोजागरों, दलितों और पिछड़ों की आवाज उठाना भी है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस शाह और मोदी की नींद उड़ाने वाली

उन्होंने कहा कि बसपा और सपा की यह कॉन्फ्रेंस ऐतिहासिक है। यह अमित शाह और मोदी की नींद उड़ाने वाली कॉन्फ्रेंस है। उन्होंने दोनों को गुरु चेला बताया।
भाजपा ने बेईमानी से बनाई सरकार

मायावती ने कहा कि सपा बाबा साहब और लोहिया के बताए रास्ते पर चलने वाली पार्टी है। 1993 में मुलायम और बसपा ने गठबंधन करके चुनाव लड़ा था। भाजपा की जातिगत पार्टी को हराया था। बसपा सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि भाजपा ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बेईमानी से सरकार बनाई है। उपचुनाव में हम लोगों ने इनके उम्मीदवारों को हराकर शुरुआत कर दी है। आज भी उत्तर प्रदेश व देश की जनता भाजपा से परेशान है और चुनावी वादों की नाकामी से सभी परेशान है। सर्वसमाज को आदर देते हुए हम चुनावी गठबंधन कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 के लिए यह नई राजनीतिक क्रांति होगी। नोटबन्दी और जीएसटी के फैसले ने जनता की कमर तोड़ दी है। नोटबंदी व जीएसटी का फैसला बिना सोचे समझे किया गया है।
भाजपा के राज में अघोषित इमरजेंसी

मायावती ने कहा कि भाजपा का एजेंडा है कि अपने विरोधियों को कमजोर करें। पूर्व में लगी इमरजेंसी जैसे हालात आज भी मौजूद हैं। उस समय घोषित इमरजेंसी थी और इस वक्त भाजपा के राज में अघोषित इमरजेंसी है।
कांग्रेस को गठबंधन से बाहर रखने की बतायी वजह, हमला बोला

बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस पर हमलावर होते हुए कहा कि हमने इस नए बड़े गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किया है। क्योंकि देश में ज्यादातर कांग्रेस पार्टी ने ही राज किया है। इनके शासनकाल में देश में गरीबी, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार आदि भी सबसे ज्यादा बढ़ा है। इसके बाद ही सपा-बसपा आदि का गठन हुआ। कांग्रेस हो या बीजेपी एंड कंपनी दोनों की कार्यशैली और नीतियां एक जैसी नजर आती हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। पूरे देश में सभी लोग परेशान हैं। आजादी के बाद से ज्यादा समय कांग्रेस ने यहां पर राज किया है। इनकी सत्ता में भ्रष्टाचार हुए हैं। इसी कारण सपा और बसपा का गठन हुआ है। उन्होंने कहा कि देश के रक्षा सौदे में जबरदस्त घोटाले हुए हैं। बोफोर्स में कांग्रेस को अपनी सत्ता गंवानी पड़ी।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार राफेल में भी भाजपा की सरकार जाने वाली है। देश के रक्षा सौदों में भाजपा और कांग्रेस ने बड़े स्तर पर घोटाले किये हैं। अब इसकी चर्चा चारों तरफ है। हमें पूरा भरोसा है कि भाजपा को जिस तरह हमने उपचुनाव में हराया है, उसी तरह हम लोकसभा चुनाव में भी हराएंगे।
मायावती का अपमान मेरा अपमान-अखिलेश

इस मौके पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा पर हमलावर होते हुए कहा कि अब कोई अगर मायावती जी का अपमान करेगा तो वह मेरा अपमान करेगा। समाजवादियों की पहचान है कि वह सुख और दुख में एक साथ रहते हैं। उन्होंने कहा कि हम दोनों मिलकर भाजपा का सफाया करेंगे। हमारा गठबंधन सिर्फ चुनावी गठबंधन नहीं है। हम दोनों पार्टी के कार्यकर्ता मिलकर भाजपा के अत्याचार का सफाया करेंगे। उन्होंने कहा कि सत्ता के मद में चूर भाजपा के नेताओं ने आदरणीय मायावती जी के ऊपर अशोभनीय टिप्पणी करना शुरू किया था, हमारे गठबंधन पर भाजपा ने उसी दिन मुहर लगा दी थी। हमारे संयुक्त प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर को छल बल से हराने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि हमें अगर गठबंधन करने के लिए दो कदम पीछे भी हटना पड़ा तो हम हटेंगे, लेकिन भाजपा को हरा कर रहेंगे।
गठबंधन से घबराकर भाजपा कर सकती है षड्यंत्र

अखिलेश ने कहा कि बसपा और सपा के गठबंधन से घबराकर भाजपा तरह-तरह के षड्यंत्र सकती है। गलतफहमी पैदा कर सकती है। हमारे कार्यकर्ताओं के बीच नफरत पैदा कर सकती है, दंगा फसाद करा सकती है लेकिन हमें संयम और धैर्य से काम करना है और आपसी भाईचारे को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि मैं मायावती जी द्वारा देश हित में लिए गए ऐतिहासिक फैसले स्वागत करता हूं और यह मानता हूं कि आने वाले समय में दोनों दलों के संबंध और भी प्रगाढ़ होंगे।
भगवान राम को भी कर दिया दुखी

अखिलेश ने भाजपा पर हमलावर होते हुए कहा कि समाज के हर वर्ग पर सरकार ने अत्याचार किया है। देश और समाज को एक सूत्र में बांधने की बजाए लोगों को बांटने का काम किया जा रहा है। यहां तक कि भगवान राम को भी दुखी कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल में इलाज से पहले उनकी जाति पूछी जा रही है। हादसे में हुई लोगों को इलाज देने से पहले जाति पूछी जा रही है। असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा देश में धार्मिक उन्माद फैलाकर भय और आतंक का राज करना चाहती है। अखिलेश ने रालोद के गठबंधन के मुद्दे पर सीधे तौर पर कुछ कहने परहेज किया। उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी बाद में हो जाएगी।
अखिलेश ने भी प्रेस नोट पढ़कर दिया बयान

खास बात रही है कि संयुक्त प्रेसवार्ता की शुरूआत में मायावती ने जहां हमेशा की तरह प्रेस नोट पढ़कर अपनी बात रखी वहीं उनके बगल में बैठे अखिलेश ने भी इसी तरह अपना बयान दिया। अखिलेश आमतौर पर ऐसा नहीं करते हैं। इसके बाद मीडियाकर्मियों के सवाल पूछने पर दोनों नेताओं ने जवाब दिए।


प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *