उप्र चुनाव के पांचवें चरण में ‘एक जिला एक उत्पाद’ भी मुद्दा
लखनऊ, 24 फरवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश चुनाव के पांचवें चरण में 11 जिलों की 60 सीटों पर भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस सहित अन्य दलों के प्रत्याशियों में भिड़ंत होने जा रही है। इस चरण में तमाम मुद्दे हैं तो एक जिला एक उत्पाद भी एक अहम मुद्दा है। जिसका कारण इस योजना के सबसे ज्यादा लाभार्थी इन्हीं चरण में है।
एक जिला एक उत्पाद योजना को लाने का श्रेय भाजपा सरकार को जाता है। चुनाव के वक्त इस योजना की चर्चा अभी तक कई बार हुई है। विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में एक जिला एक उत्पाद से जुड़े लाभार्थी अहम भूमिका निभायेंगे, जिनकी संख्या लाखों में हैं। चित्रकूट जिला, जिसमें पांचवें चरण में मतदान होना है। चित्रकूट में बनने वाला लकड़ी का खिलौना आज पूरे देश में बिक रहा है और जिले से निकलकर महाराष्ट्र, गुजरात और पश्चिम बंगाल तक छाया हुआ है।
चित्रकूट जिले में योजना के लाभार्थी की संख्या पर्याप्त हैं तो उनके बीच विकास की उम्मीद कायम है। योजना से अयोध्या के गुड़, बहराइच के गेहूँ डंठल (हस्तकला), श्रावस्ती के जनजातीय शिल्प को एक अलग ही पहचान मिल गयी है। इससे जुड़े हजारों लोगों के परिवार के सदस्यों द्वारा भी कार्य में सहयोग किया जाता है।
बाराबंकी के वस्त्र उत्पाद से जुड़े एक जिला एक उत्पाद के लाभार्थी मोहम्मद फजल ने कहा कि एक जिला एक उत्पाद का हैंडलूम वस्त्र उत्पाद को सीधा लाभ मिला। इससे जुड़े हजारों लोगों को माल के बदले मूल्य दिलाने की व्यवस्था हुई। पहले आर्डर पर तैयार होने वाला हैंडलूम कपड़ा बनता था और इसके अलावा त्यौहारों पर ही माल अर्थात कपड़ा तैयार करते थे। अब हर महीने काम मिलता है।
उन्होंने कहा कि योजना के तहत कई मेलों में भी उनको दुकान लगाने का मौका मिला है। मेले में हैण्डलूम से बनी साड़ियां, कुर्ते के कपड़े बेहद पसंद किये जाते रहे हैं। हैण्डलूम ने पर्यटकों के बीच अहम जगह बनायी है।
एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल किये गये सुल्तानपुर के मूंज उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए ही जिला प्रशासन ने इससे जुड़े हाथों को (निर्माणकर्ता) मोटर चालित मशीन उपलब्ध करायी। सुल्तानपुर में बनने वाली दौरी, डलिया को बड़े पैमाने पर बिक्री के लिए भी प्रयास हुए और इसे पूर्वांचल के जनपदों तक पहुंचाने की व्यवस्था करायी गयी। आज पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में इसकी धुंआधार बिक्री हो रही है।