उद्यमी मेंग वांग्ज़ो के प्रत्यर्पण को लेकर चीन और अमेरिका में तनाव

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वाशिंगटन, 02 मार्च (हि.स.) । चीनी कंपनी ‘ख़्वावे’ की मुख्य वित्त अधिकारी और उद्यमी 46 वर्षीय मेंग वांग्ज़ो को अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने की मांग को लेकर दोनों देशों के बीच शुक्रवार को तनाव पैदा हो गया। इसका असर दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों पर पड़ सकता है। मेंग वांग्ज़ो इन दिनों ज़मानत पर कनाडा के वैंकूवर में हैं। उन्हें छह मार्च को कोर्ट में पेश होना है।
अमेरिका के प्रत्यर्पण अनुरोध पर मेंग वांग्ज़ो को पिछले साल एक दिसम्बर को कनाडा के वैंकूवर एयरपोर्ट पर गिरफ़्तार किया गया था। इस पर चीन ने कनाडा और अमेरिका, दोनों को धमकी दी है कि वे उसकी उद्यमी महिला को तत्काल रिहा कर दें, अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार रहें।
अमेरिका ने मोबाइल बनाने वाली चीन की दूसरी बड़ी कंपनी ‘ख़्वाए’ के ख़िलाफ़ करीब दो दर्जन आरोप लगाए हैं। इनमें बैंक खातों में जालसाज़ी, न्याय प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करना और टेक्नोलॉजी चोरी के आरोप मुख्य हैं। अमेरिका ने गत जनवरी में कनाडा से मेंग वांग्जो को प्रत्यर्पित किए जाने की मांग की थी।अमेरिका के प्रत्यर्पण के निवेदन पर कनाडा कोर्ट में शुक्रवार तक फ़ैसला होना है। उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच शिखर वार्ता विफल होने के बाद यह कहा जा रहा है कि क्या राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इस मामले में मेंग वांग्ज़ो को चीन के साथ ‘व्यापार युद्ध’ में एक ‘चिप’ के रूप में इस्तेमाल करने की हिम्मत जुटा पाएगे?
मेंग वांग्ज़ो पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2009 से 2014 के बीच हांगकांग की एक कंपनी ‘स्काईकेम’ के ज़रिए ईरान की दूरसंचार कंपनी के साथ वित्तीय लेनदेन किया था, जबकि ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लगे हुए थे। यह लेनदेन अमेरिकी बैंकों के जरिए होता रहा है। मेंग वांग्ज़ो को अमेरिका प्रत्यर्पित किया जाता है, तो उन पर अमेरिकी नियमों के तहत वित्तीय धोखाधड़ी में 30 साल तक की ज़ा हो सकती है। 


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