उत्तराखंड चुनाव: नरेन्द्र मोदी की श्रीनगर रैली से बदलेगी सूबे की चुनावी हवा
देहरादून, 10 फ़रवरी (हि.स.)। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए अब तीन दिन ही शेष है। प्रचार अभियान में सभी पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं श्रीनगर में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंच रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को उम्मीद है कि मोदी की जनसभा से पार्टी एक बार फिर 2017 का इतिहास दोहरायेगी।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 14 फरवरी को होना है। इसके लिए प्रचार 12 फरवरी को रात 8.00 बजे थम जाएगा। भाजपा के शीर्ष नेता प्रचार अभियान में जुटे हैं। वे अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। गृह मंत्री एवं पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 15 दिन पहले ही रुद्रप्रयाग में डोर टू डोर कैंपेन कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुनाव की घोषणा के बाद दो वर्चुअल रैली को संबोधित कर चुके हैं। आज वे एक जनसभा को संबोधित करेंगे।
पिछले विधानसभा चुनाव में भी नरेन्द्र मोदी ने श्रीनगर में चुनावी रैली को संबोधित किया था। इसका प्रभाव पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी जिलों के करीब 16 सीटों पर प्रभाव पड़ा। पार्टी ने तब इनमें से 14 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इनमें कई ऐसी सीटें भी थीं, जिस पर भाजपा का कमल अबतक नहीं खिला था, वहां पहली बार कमल खिल गया। ऐसी लगभग आधा दर्जन विधानसभा सीट थी। इनमें सबसे महत्वपूर्ण पौड़ी, देवप्रयाग, नरेंद्रनगर, टिहरी विधानसभा सीट है। इन सीटों पर अलग राज्य बनने के बाद कभी भी भाजपा उम्मीदवार जीत दर्ज नहीं कर पाये थे। लेकिन मोदी की रैली ने वातावरण को बदल दिया और भाजपा सीट जीतने में सफल रही।
पिछले चुनाव में जब नरेन्द्र मोदी ने रैली की क्षेत्र का पूरा समीकरण ही बदल गया। भाजपा ने लगभग सभी सीटों पर भरी अंतर से जीत दर्ज की। पौड़ी सीट पर वर्तमान सासंद एवं पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत 2002 का चुनाव हार गए थे। पिछले चुनाव में भाजपा के मुकेश सिंह कोली ने पहली बार चुनाव लड़कर सात हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी। उसी प्रकार श्रीनगर से लगे देवप्रयाग सीट पर भाजपा कभी कमल नहीं खिला पाई थी। वहां से भाजपा के युवा नेता विनोद सिंह कंडारी पहली बार चुनावी मैदान में आये और जीत दर्ज की।
विनोद कंडारी ने उस सीट पर तीन बड़े दिग्गजों को चुनावी पटखनी दी। उक्रांद के सबसे बड़े नेता और पूर्व मंत्री दिवाकर भट्ट को साढ़े तीन हजार वोट से हराने में कामयाब रहे। कांग्रेस के मंत्री प्रसाद नैथानी तीसरे नंबर पर चले गए। वे मंत्री रहते हुए चुनाव लड़ रहे थे। इनके अलावा पूर्व विधायक शूरवीर सिंह सजवाण चौथे स्थान पर पहुंच गए।
श्रीनगर निवासी एवं वरिष्ठ पत्रकार जसपाल नेगी कहते हैं, ‘प्रधानमंत्री की रैली ने एक तरह से भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं में जान फूंक दी थी। वहीं स्थानीय मतदाताओं में भी इसका सकारात्मक असर पड़ा था।’
एक बार फिर भाजपा के नेता उसी चमत्कार की आस लगाए हुए हैं। भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि नरेन्द्र मोदी की जनसभा के बात पार्टी ने नाराज मतदाता एक बार फिर भाजपा की ओर लौट आएंगे। श्रीनगर के स्थानीय व्यापारी राजेंद्र डिमरी बताते हैं, ‘यहां के लोग प्रधानमंत्री मोदी को देखने के लिए व्याकुल हैं। इस बार ज्यादा संख्या में लोगों को वहां जाने की अनुमति नहीं है। इस लिए कुछ लोग बहुत पहले से ही सभा स्थल की ओर निकल पड़े हैं।’
एक सवाल के जवाब में डिमरी ने कहा कि मोदी की रैली भाजपा के लिए अच्छी होगी। जो लोग नाराज हो गए थे, पूरी संभावना है कि मोदी की यात्रा के बाद उनकी नाराजगी दूर हो जाएगी।
उत्तराखंड की राजनीति की गहरी समझ रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार दाताराम चमोली कहते हैं कि नरेन्द्र मोदी की जनसभा भाजपा के लिए संजीवनी की तरह काम करेगा। पार्टी का पूरे उत्तराखंड में कैडर वोट है, लेकिन इस बार कुछ कैडर वोट भी पार्टी से नाराज चल रहा है। मोदी के आने पर वह नाराजगी भी दूर हो जाएगी।
आगे उन्होंने कहा कि वातावरण ठीक 2017 की तरह है। वैसे भी पहाड़ पर दिल्ली के नेता कम ही आते हैं। प्रधानमंत्री के तौर पर देखें तो नेहरू और इंदिरा के बाद कोई प्रधानमंत्री यहां नहीं आया। इसलिए नरेन्द्र मोदी के श्रीनगर आने से उसका असर जरूर पड़ेगा।