इस बार बंगाल में ‘एम’ फैक्टर का जलवा

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कोलकाता, 12 अप्रैल (हि.स.)। इस बार के लोकसभा चुनाव में ‘एम’ फैक्टर राज्य में निर्णायक भूमिका निभाएगा। एक दौर था जब उत्तर प्रदेश में यह फैक्टर सबसे अधिक प्रभावी था। यूपी में एम से मुलायम, मायावती और मुसलमान का वर्चस्व था। अब यह फैक्टर पश्चिम बंगाल पहुंच गया है। यहां एम फॉर मोदी, ममता और मुसलमान निर्णायक भूमिका में हैं।
इस बार के चुनाव में राज्य के अधिकतर लोग नरेन्द्र मोदी के पक्ष में हैं तो ममता बनर्जी के परंपरागत मतदाता भी उनके साथ पूर्ववत खड़े हैं। इसमें मुस्लिम मतदाता राज्य की 42 में से कई सीटों पर निर्णायक भूमिका में हैं। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश की करीब 10 करोड़ आबादी में से 36 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं जबकि गैर आधिकारिक आंकड़े 40 फीसदी से अधिक बताते हैं। यानी इस बार मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं।
राज्य के जनसांख्यिकीय प्रोफाइल से पता चलता है कि यहां ऐसी छह लोकसभा सीटे हैं जहां सात लाख से ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं। आठ संसदीय क्षेत्र में इनकी संख्या पांच और सात लाख के बीच है। बाकी 28 लोकसभा क्षेत्रों में मुस्लिमों की आबादी चार लाख से कम है।
बहरमपुर में 10 लाख, मुर्शिदाबाद में 08 लाख, जंगीपुर में 11 लाख, रायगंज में 09 लाख, मालदा उत्तर में 09 लाख और मालदा दक्षिण में 08 लाख के करीब मुस्लिम मतदाता हैं।
मालदा उत्तर, मालदा दक्षिण, जंगीपुर और मुर्शिदाबाद में तीसरे चरण में 23 अप्रैल को मतदान होगा। ऐसे में इन सीटों पर इस बार जो भी पार्टी अल्पसंख्यक मतदाताओं को अपने पाले में लुभाने में सफल होगी उसको बढ़त मिलना तय माना जा रहा है। हालांकि, राजनीतिक पंडितों का यह भी कहना है कि मुस्लिम बहुल कई क्षेत्रों में भाजपा ने चालाकी से गैर मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा है जो माकपा, कांग्रेस और तृणमूल के बीच विभाजित होने वाले अल्पसंख्यक मतदाताओं में से गैर अल्पसंख्यक मतदाताओं का वोट बटोरने में सक्षम होंगे। इसलिए इस बार बंगाल में लोकसभा चुनाव सबसे अधिक दिलचस्प हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में गुरुवार को कूचबिहार और अलीपुरद्वार आरक्षित सीटों पर मतदान हुआ। वर्ष 2014 में इन दोनों सीटों पर तृणमूल कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। लेकिन बदले हालात में कूचबिहार सीट भारतीय जनता पार्टी के लिए दूर की कौड़ी नहीं लग रही है। चुनाव बाद के रुझान बताते हैं कि यह लोकसभा सीट भाजपा के पाले में जा रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में 42 में से 34 सीटों पर ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। चार सीटों पर कांग्रेस जीती थी। वाम मोर्चा और भाजपा को दो-दो सीटें मिली थीं।


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