इस्लामिक स्टेट के चंगुल में फंसी महिलाएं वापस नहीं आएंगी : ट्रम्प

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वॉशिंगटन, 21 फरवरी (हि.स.)। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों के शिविरों में बरसों रहीं महिलाओं की घर वापसी के सभी दरवाजे बंद कर दिए हैं। ट्रम्प ने विदेश मंत्री माइक पोंपियो को निर्देश दिए हैं कि ऐसी किसी महिला को स्वदेश लौटने की इजाजत न दी जाए।
यमन मूलवंशी और अमेरिकी पासपोर्टधारी बीस वर्षीय होंडा मथाना चार साल पहले टर्की के रास्ते सीरिया गई थी। अब वह गोद में लिए अपने बेटे के साथ लौटना चाहती है| उधर, अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता प्राप्त 46 वर्षीय किंबरले गवेन ने भी स्वदेश लौटने के लिए आवेदन किए हैं। किंबरले के पहले से तीन बच्चे हैं। उसने चार साल पहले इस्लामिक लड़ाके से ऑनलाइन शादी की थी और सीरिया पहुंच गई थी। अमेरिका समर्थित उत्तरी कुर्दिश सुरक्षा बलों की देख-रेख में चल रहे एक शिविर में ऐसी तेरह महिलाएं और उनके साथ उनके बच्चे हैं।

शमीमा बेगम बांग्लादेशी नहीं, वापस आने की सुरक्षा नहीं दी जा सकती
उधर, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता के अनुसार 19 वर्षीय शमीमा ब्रिटिश है। वह वहीं से अपनी नागरिकता छोड़कर इस्लामिक स्टेट गई थी। बताया जाता है, शमीमा अपनी मां की नागरिकता की वजह से बांग्लादेशी नागरिक रही होगी। प्रवक्ता ने कहा है कि शमीमा ने दोहरी नागरिकता के लिए कभी आवेदन नहीं किया और न ही वह बांग्लादेश आई है। प्रवक्ता ने यह भी कहा है कि बांग्लादेश आतंकवाद के खिलाफ है। शमीमा ने बेटे को जन्म दिया है और घर लौटना चाहती है। उधर शमीमा ने भी कहा है कि वह न तो जन्म से बांग्लादेशी है, और न ही कभी वहां गई है। उसे बांग्ला भाषा भी नहीं आती।


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