इमरान से है भारत को व्यापार बढ़ने की उम्मीद
नई दिल्ली, 23 अगस्त (हि.स.)। पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व भाजपाई पर अब कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू को आमंत्रित करने और वहां सिद्धू द्वारा सेना प्रमुख से गले मिलने को लेकर भाजपा के बहुत से लोग भले भड़क गये हैं| लेकिन भाजपा की अगुवाई में बनी केन्द्र सरकार को इमरान से बहुत उम्मीदें हैं। इसी के मद्देनजर पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री इमरान खान ने बिना लाग-लपेट कहा है, “सिद्धू शांति दूत हैं| उन्हें निशाना बनाने वाले अमन को नुकसान पहुंचा रहे हैं”।
इस सबके बीच इधर उद्योग मंत्रालय को उम्मीद है कि पाकिस्तान की नई सरकार भारत के साथ व्यापारी रिश्तों को बेहतर करेगी। वह वे प्रतिबंध हटाएगी जो इसके पहले की सरकारें लगाए हुए हैं। विदेश व गृह मंत्रालय को उम्मीद है कि सीमा पार से घुसपैठ और हमले बंद होंगे। दोनों देशों में आपसी सौहार्द बढ़ेंगे।
फिलहाल व्यापार का जहां तक सवाल है ,भारत को उम्मीद है कि पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री इमरान खान भारत को “सर्वाधिक तरजीही देश” का दर्जा दे देंगे। जिसके चलते दोनों देश एक-दूसरे से आयात पर समान कर लगाएंगे। इससे दोनों देशों में व्यापार बढ़ेगा। अभी हालत यह है कि पाकिस्तान ,विश्व व्यापार संगठन की शर्तों का उल्लंघन करते हुए भारत को “सर्वाधिक तरजीही देश” का दर्जा नहीं दे रहा है और भारत से आयात होने वाले सामान पर अधिक कर लगा रहा है। इसके कारण भारत से पाकिस्तान में निर्यात कम हो रहा है, क्योंकि यहां के सामान वहां कर अधिक लगाये जाने के कारण महंगे हो जाते हैं। पूर्व सांसद हरिकेश बहादुर का कहना है कि पाकिस्तान यदि भारत को “सर्वाधिक तरजीही देश” का दर्जा नहीं देता है, लेकिन “भेदभाव रहित बाजार” का दर्जा भी दे दिया, तब भी दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ेगा। अभी तो हालत यह है कि पाकिस्तान ने भारत से 1,209 वस्तुओं के आयात पर रोक लगा रखा है। बीएचयू प्रबंध संकाय के पूर्व प्रमुख प्रो. छोटे लाल का कहना है कि पाकिस्तान ने भारत से आयात पर 1,209 वस्तुओं पर जो प्रतिबंध लगाया है, यदि उसे हटा दिया, तो भारत को बहुत लाभ होगा। और यदि “भेदभाव रहित बाजार” की मान्यता दे दी, तब तो दोनों देशों के बीच व्यापार बहुत ही बढ़ जाएगा। इसका लाभ दोनों ही देशों को होगा। प्रो. छोटे लाल का कहना है कि यदि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध सामान्य हो जाएं, तब तो दोनों देशों के बीच व्यापार जो 2016-17 में मात्र 02.28 बिलियन डालर रहा, वह बढ़कर 20 बिलियन डालर तक पहुंच सकता है। इसके अलावा घुसपैठ, आतंकवाद, सीमापार से जवानों पर होने वाले हमले से होने वाली सामरिक ,राजनयिक, सामाजिक व अन्य तमाम तरह की क्षति भी नहीं होने पाएगी, जिसकी कीमत आंकी नहीं जा सकती। प्रो. छोटे लाल का कहना है कि पाकिस्तान ने अभी भारतीय ट्रकों को अपने बाघा बार्डर से होकर अफगानिस्तान जाने पर रोक लगा रखा है। यदि इसे खोल दिया, तब भारत को अफगानिस्तान में सामान भेजने में बहुत सहूलियत हो जाएगी। वहां से भी व्यापार बढ़ जाएगा।