आरबीआई सरकार को दे सकता है 28 हजार करोड़ का लाभांश

0

मुंबई, 11 फरवरी (हि.स.)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के पास उपलब्ध अतिरिक्त फंड को ट्रांसफर करने की मांग केंद्र सरकार कर रही है। नए गवर्नर शक्तिकांता दास के पद भार ग्रहण करने के बाद रिजर्व बैंक की ऑडिट कमेटी ने सरकार को 28 हजार करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश देने की बात कही है। चालू वित्त वर्ष के वित्तीय नतीजों के आकलन के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। इस एक्स्ट्रा फंड को लेकर आऱबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल को इस्तीफा भी देना पड़ा था। हालांकि इस खबर की पुष्टि करने के लिए जब आरबीआई अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई, तो जवाब देने से इनकार कर दिया गया।
बताया जा रहा है कि आगामी 18 फरवरी को होने वाली आरबीआई की बोर्ड मीटिंग में सरप्लस कैश के भुगतान का घोषणा हो सकती है। हालांकि केंद्रीय बैंक ने पहले ही केंद्र सरकार को 40 हजार करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। इसके बावजूद केंद्र सरकार का कहना है कि आरबीआई के पास वित्त वर्ष 2016-17 और वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान क्रमशः 13,190 करोड़ रुपये और 14,190 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड उपलब्ध है। सरकार आरबीआई से कुल 27,380 करोड़ रुपये के फंड की डिमांड कर रही है।
इस महीने की मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा था कि सरकार और आरबीआई के बीच सरप्लस फंड ट्रांसफर करने के साथ ही कई दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत चल रही है। आरबीआई के पास वर्षों से ‘एक्सेस रिजर्व्स’ जमा है। लेकिन आरबीआई का कोई भी फैसला सिद्धातों और अकाउंटिंग के नियमों पर ही आधारित होगा। केंद्र सरकार का कहना है कि आरबीआई के पास जरूरत से ज्यादा फंड उपलब्ध है। हालांकि रिजर्व बैंक के पास कितना रिजर्व फंड होना चाहिए, इस पर कोई नियम नहीं है। इसीलिए आऱबीआई के कैपिटल फ्रेमवर्क को पुनर्परिभाषित करने के लिए पूर्व आरबीआई गवर्नर विमल जालान की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। 31 मार्च तक इस कमेटी की रिपोर्ट पेश हो सकती है।


प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *