आम्रपाली ने फ्लैट खरीदारों को आकाश की ऊंचाई तक धोखा दिया : सुप्रीम कोर्ट

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-कोर्ट ने कहा, खरीदारों की परेशानी के पीछे जो भी ताकतवर लोग हैं सब पर क्रिमिनल एक्शन होगा
नई दिल्ली, 01 मई (हि.स.)। आम्रपाली के फ्लैट खरीददारों के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अथॉरिटी और बैंकर्स की मिलीभगत के कारण फ्लैट खरीददारों को परेशानी हुई। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने आम्रपाली को कहा कि तुमने आकाश की ऊंचाई तक लोगों को धोखा दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो भी ताकतवर लोग इसके पीछे हैं सब पर क्रिमिनल एक्शन होगा। कोर्ट ने कहा कि ये आपका पैसा आपका नहीं है, जनता के टैक्स का है। बिल्डर्स ने फ्लैट खरीददारों का पैसा लेकर इधर-उधर अपनी प्रॉपर्टी बनाई है। कोर्ट ने तंज करते हुए कहा पाली के ऑडिटर्स और सीएफओ को कंपनी और बहुत सी चीजें मिली हैं।
सुनवाई के दौरान फ्लैट खरीददारों के वकील एम.एल. लाहौटी ने कोर्ट को बताया कि आम्रपाली की कुछ प्रॉपर्टी को अटैच किया गया और कुछ को नीलाम किया गया है। 86 प्रॉपर्टी को अटैच किया गया है।
पिछले 30 अप्रैल को होम बायर्स के पैसे के दुरुपयोग को लेकर दायर की गई ऑडिट रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को उक्त रिपोर्ट को लेने की अनुमति दी थी। साथ ही दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वह रिपोर्ट के आधार पर आम्रपाली के प्रमोटर्स और डायरेक्टर्स के खिलाफ बायर्स के रुपयों की धोखाधड़ी की जांच करे।
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को आदेश दिया कि वह कोर्ट को यह जानकारी दे कि उन्होंने अपने ब्रांड एम्बेसडर क्रिकेटर एम.एस. धोनी को 2009 से 2016 के बीच कब-कब और कितना पैसा दिया है? महेंद्र सिंह धोनी ने आम्रपाली बिल्डर्स के खिलाफ याचिका दायर कर लगभग 39 करोड़ रुपये की वसूली के लिए याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि आम्रपाली ग्रुप के प्रमोशन करने के बाद भी कंपनी पर उनके लगभग 40 करोड़ रुपये बकाया हैं।
धोनी 2009 से 2016 तक कंपनी के ब्रांड एंबेसडर थे। उनका कहना है कि इस दौरान के लिए उन्हें भुगतान नहीं किया गया। फ्लैट खरीदारों की तरह सुप्रीम कोर्ट उनके हितों की भी रक्षा करें। धोनी ने 2009 में आम्रपाली ग्रुप के साथ कई समझौते किए और कंपनी के ब्रांड एंबैस्डर भी बने। वे कंपनी के साथ 2016 तक जुड़े रहे लेकिन जब आम्रपाली के होम बायर्स ने सोशल मीडिया पर धोनी के खिलाफ अभियान छेड़ा तो उन्होंने आम्रपाली से संबंध खत्म कर लिए।

पिछले 28 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा और दो अन्य निदेशकों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। ये तीनों उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत में थे लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था।

जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने अनिल शर्मा की दक्षिण दिल्ली स्थित बंगले समेत निजी संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने आम्रपाली के दूसरे निदेशकों की संपत्तियां भी जब्त करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वो आम्रपाली समूह और उसके निदेशकों की ओर से फ्लैट धारकों के साथ की गई धोखाधड़ी की जांच करें।

सुप्रीम कोर्ट ने उन दो सौ लोगों और कंपनियों को भी नोटिस जारी किया था जो कोर्ट की ओर से नियुक्त फॉरेंसिक ऑडिटर्स को सहयोग नहीं कर रहे हैं। ये सभी आम्रपाली के साथ पैसे का लेन-देन कर रहे थे। कोर्ट ने फॉरेंसिक ऑडिटर्स को निर्देश दिया था कि वे 22 मार्च तक ऑडिट का काम पूरा करें।


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