आजादी के 70 सालों में बिजली पहुंचाने के वादे में विफल रही कांग्रेस : प्रधानमंत्री
नई दिल्ली, 19 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कांग्रेस पर जनता से वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने बिजली पहुंचाने के वादे तो खूब किए, लेकिन उन वादों को पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के दशकों बाद भी देशभर के कई गांव अंधेरे में रहते रहे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना और सौभाग्य के लाभार्थियों से बातचीत करते हुए कहा कि वर्ष 2004 से 2014 तक केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार थी| वह देशभर में बिजली उपलब्ध कराने के अपने वादे को पूरा करने में बुरी तरह विफल रही। उन्होंने कहा कि 2005 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 2009 तक हर गांव को विद्युतीकरण करने का वादा किया था। सत्तारूढ़ दल के तत्कालीन राष्ट्रपति ने एक कदम और आगे बढ़कर कहा कि वह हर घर बिजली पहुंचाएंगे। कहने की जरूरत नहीं है कि अपने लंबे कार्यकाल के दौरान उनमें से कोई भी अपने वादों को अंजाम नहीं दे सका।
उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी 18 हजार गांवों में बिजली कनेक्शन नहीं थे। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण था। ऐसे गांव जहां आजादी के इतने वर्ष बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी, वहां सूरज की रोशनी ही लोगों के काम करने के घंटे तय करती थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम जब वादों को गंभीरता से लेते हैं तो उसमें कमियां ढूंढने की कोशिशें होती हैं।
2015 के अपने वादे को पूरा करने के लिए अपनी सरकार की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 15 अगस्त 2015 को उन्होंने लक्ष्य तय किया कि 1000 दिन के अंदर देश के हर गांव में बिजली पहुंचाएंगे। पंडित दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत हम देश के हर गांव में बिजली पहुंचाने के कार्य में जुट गए। आज न सिर्फ पूर्वोत्तर के गांव में बल्कि देश के हर कोने में बिजली पहुंच गई है, कहीं अंधेरा नहीं है। एलीफेंटा गुफा के पास के गांवों, एक बड़ा पर्यटन स्थल और विश्व धरोहर स्थल में बिजली नहीं थी, हमने समुद्र के नीचे से केबल बिछा कर वहां बिजली पहुंचाई।
उन्होंने कहा कि 28 अप्रैल 2018 का दिन भारत की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक दिन के रूप में याद किया जाएगा। मणिपुर का लायसांग गांव पावर ग्रिड से जुड़ने वाला देश का आखिरी गांव था। प्रधानमंत्री ने लायसांग गांव के लोगों को नमो ऐप से संबोधित करते हुए कहा, देखिए बिजली आई तो मैं भी आपके गांव में पहुंच गया।
इस दौरान उत्तराखंड के टिहरी के एक लाभार्थी ने प्रधानमंत्री से संवाद के दौरान कहा कि लोगों को एक फोटोकॉपी करवाने के लिए 50 कि.मी. दूर जाना पड़ता था| उसके लिए आने-जाने में 500 रुपये खर्च होते थे| अब बिजली आने से मेरा खुद का फोटोकॉपी सेंटर है। जैसलमेर के जिले से आए लाभार्थी ने प्रधानमंत्री से कहा कि पहले बिजली न होने के कारण लोग हमारे गांव में शादी करने से हिचकिचाते थे| अब बिजली आने से हमारे जीवन में बहुत बदलाव आया है। जम्मू-कश्मीर के 9वीं कक्षा के छात्र ने प्रधानमंत्री को बताया कि पहले उन्हें केरोसिन खरीदने के लिए 30 किमी दूर जाना पड़ता था जिससे रोशनी हो पाती थी| अब बिजली आने से हम रात को भी परीक्षाओं के लिए पढ़ सकते हैं।
झारखंड की एक महिला ने प्रधानमंत्री को अपने गांव में बिजली पहुंचाने के लिए धन्यवाद किया, क्योंकि पहले उन्हें बिजली न होने के कारण अंधेरा होने से पहले सोना पड़ता था। असम की महिला ने प्रधानमंत्री को बताया कि बिजली आने से उनकी जिंदगी में काफी परिवर्तन आया| अब खुश है कि बिजली आने से उनके काम कई काम आसान हो गए हैं और बिल की सूचनाएं मोबाइल पर मिलती हैं