असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का होगा रजिस्ट्रेशन
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्रशासित प्रदेशों के उप-राज्यपालों को जारी किया निर्देश
नई दिल्ली, 05 सितंबर (हि.स.)। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए अच्छी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने इन मजदूरों के रजिस्ट्रेशन का आदेश दिया है। जस्टिस कुरियन जोसेफ की अध्यक्षता वाली बेंच ने आदेश दिया है कि अगले साल जनवरी से असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का दस फीसदी रजिस्ट्रेशन करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने कहा कि अगले साल के अंत तक असंगठित क्षेत्र के सभी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन कर लिया जाए। कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्रशासित प्रदेशों के उप-राज्यपालों को निर्देश दिया है कि इस काम के लिए वे जवाबदेह होंगे। कोर्ट ने उन्हें 31 जनवरी 2019 तक दस फीसदी रजिस्ट्रेशन की पालना रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वे रजिस्ट्रेशन के लिए संशोधित मॉड्यूल इस साल के अंत तक सभी राज्यों को उपलब्ध कराएं।
सुप्रीम कोर्ट एनजीओ श्रमजीवी महिला समिति की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। एनजीओ ने वकील कॉलिन गोंजाल्वेस के जरिये घरेलू मजदूरों की समस्याओं का जिक्र किया है और उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में लाने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की है । याचिका में कहा गया है कि घरों में काम करनेवाले मजदूरों को प्लेसमेंट एजेंसियों और पुलिस की प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता है।