अमेरिका के श्रेष्ठ कालेजों में प्रवेश को लेकर चीन में धंधा फल फूल रहा है

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लॉस एंजेल्स 04 मई (हिस): अमेरिका के सर्वश्रेष्ठ कालेजों में प्रवेश दिलाने के लिए बीजिंग में दलाली का धंधा ख़ूब फल फूल रहा है। इसके लिए बीजिंग में बड़ी बड़ी कंपनियाँ खुल गई हैं, जो अमेरिका की ‘आई वी लीग’ सहित 40 सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों और कालेजों में प्रवेश दिलाने का दम भरते हैं। ये कंपनियाँ अमेरिका के सर्वश्रेष्ठ कालेजों में प्रवेश के लिए ‘एस ए टी’ की तैयारी तो कराती ही है, प्रवेश को पुख़्ता करने के लिए चंदे के रूप में लाखों डालर की दलाली भी लेती है। बीजिंग में ‘कैपस्टोन’ एक बड़ी कंपनी है, जो सोशल मीडिया और बड़े बड़े समाचार पत्रों में विज्ञापन देती है और उस कंपनी के बाहर अमेरिकी विश्वविद्यालयों में प्रवेश पाने वालों की भीड़ लगी रहती है।
अमेरिका के न्यायिक विभाग ने हाल ही में चीन की दो अमीरजादी छात्राओं के स्टेनफ़ोर्ड और येल विश्वविद्यालयों में चंदे के रूप में स्पोर्ट्स कोटे के अंतर्गत लाखों डालर की रक़म चुकाए जाने के रहस्योद्घघाटन के पश्चात इन दिनों मीडिया में यह ख़बर सुर्खियों में बनी हुई है। इन विश्वविद्यालयों में झाओ यू सी को 2017 में नौकायन कोटे से और शेरी गुओ ने फ़ुटबाल कोटे के ज़रिए प्रवेश पाया था। चीन के परंपरागत औषध में उद्योगपति झाओ ताओ की बेटी झाओ यूसी ने स्टेनफ़ोर्ड में प्रवेश के लिए 65 लाख डालर (45 करोड़ रु॰) देने पड़े थे, जबकि शेरी गुओ नामक अन्य छात्रा को बारह लाख डालर ( सात करोड़ चौदह लाख रु॰) देने पड़े थे। अमेरिकी न्यायिक विभाग की जाँच पड़ताल के बाद इन दोनों ही छात्राओं का विश्वविद्यालयों ने प्रवेश रद्द कर दिया है।
फ़ेडरल एजेंसियों ने जाँच पड़ताल के दौरान 50 छात्र- छात्राओं को आरोपित किया था। इन सभी 50 छात्र- छात्राओं को इन विश्वविद्यालयों के कथित बिचौलियों के माध्यम से प्रवेश मिला था, जिनमें प्रभावशाली वकील, हालीवुड सिने स्टार, निवेशकों और संगीतकारों के नाम सामने आए हैं। इंस्टीट्यूट आफ इंटरनेशनल एजुकेशन के एक अधिकारी जैक चेन ने कहा है कि सन 2017 में चीन से तीन लाख 63 हज़ार छात्र- छात्राओं ने अमेरिकी कालेजों में प्रवेश लिया था, जो दुनिया भर में प्रवेश लेने वाले कुल छात्र- छात्राओं में एक तिहाई है। चीन के बाद भारत दूसरा देश है, जहाँ से प्रतिवर्ष लाखों में बच्चे प्रवेश पाते हैं।
न्यू यॉर्क टाइम्स के अनुसार स्टेनफ़ोर्ड में प्रवेश पाने वाली झाओ यूसी की ओर से बिचौलिए मशहूर गायक विलियम रिक ने 65 लाख डालर में से नौकायन टीम के प्रशिक्षक को पाँच लाख डालर दिए थे। इन दोनों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। इसी तरह शेरी गुओ के बिचौलिए ने भी अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। न्यायिक विभाग ने इन दोनों ही छात्राओं और इनके अभिभावकों के ख़िलाफ़ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया है।
एक चीनी समाचार पत्र ने झाओ यूसी के हवाले से एक विडियो जारी किया है। इस विडियो में झाओ यूसी ने दावा किया है कि उसे कैलिफ़ोर्निया स्थित स्टेनफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में उसके अथक परिश्रम के बल पर प्रवेश मिला है। प्रवेश देने वाले अधिकारी को किसी छात्र- छात्रा की माली हालत के बारे में पता नहीं होता है। वहाँ उसकी हाज़िर जवाबी काम में आती है। लेकिन इसी छात्रा ने प्रवेश से पहले सोशल मीडिया पर 4.65 प्रतिशत स्कोरिंग का संकेत दिया था, जबकि शेरी गुओ ने 5.2 प्रतिशत, जो प्रवेश के लिए निम्न स्कोर था। झाओ की माँ और पिता ने भी बेटी के प्रवेश रद्द होने की स्थिति में अफ़सोस जताया है। झाओ की माँ ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि उन्हें स्टेनफ़ोर्ड में प्रवेश के मामले में भ्रमित किया गया है।अमेरिकी गायक विलियम ने उन से चंदे के रूप में रक़म ली थी और उन्होंने यह सोच कर चंदे की इतनी बड़ी रक़म दी थी कि इस रक़म में से ज़रूरतमंद छात्र-छात्राओं को मदद मिलेगी।


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