अमेठी से डॉ संजय सिंह को टिकट, जनता के साथ परिवार को भी सहेजने की चुनौती!

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अमेठी, 07 फ़रवरी(हि. स.)। भाजपा के लिए यूपी में शायद सबसे ज़्यादा माथापच्ची अमेठी सीट को लेकर थी, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने बीच का रास्ता निकालते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है। हालांकि उनकी बड़ी चुनौती जनता के विश्वास के साथ-साथ परिवार को भी सहेजने की होगी। समाजवादी पार्टी ने यहां से पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की पत्नी महराजी देवी को टिकट दिया है।
दरअसल, इस हाईप्रोफाइल सीट से राज्यसभा छोड़कर आये डॉ संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह विधायक हैं, लेकिन इस बार वह अपनी बहू शाम्भवी सिंह को टिकट दिलाना चाह रही थी। इसके साथ ही संजय सिंह की दूसरी पत्नी अमिता सिंह भी प्रबल दावेदार थीं और उनकी पैरवी ख़ुद संजय सिंह कर रहे थे। अमेठी सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के चहते राजेश अग्रहरि भी टिकट की दौड़ में थे। ऐसे में एक ही परिवार के कई सदस्य टिकट के लिये अड़े थे, जिसे सुलझा पाना पार्टी नेतृत्व के लिये आसान नहीं था। इसको लेकर नेतृत्व ने काफ़ी माथापच्ची की और किसी भी तरह की गुटबाज़ी को रोकने के लिए संजय सिंह पर ही चुनाव लड़ने का दबाव बना, हालांकि जानकारी के अनुसार वह पहले चुनाव लड़ने को लेकर अनिच्छा जता चुके थे। बावजूद इसके वह राजी हुए और पार्टी ने उन्हें इस महत्वपूर्ण सीट से उम्मीदवार बनाया। संजय सिंह के सामने जनता के साथ-साथ परिवार को भी एकजुट रखने की कठिन चुनौती होगी।
70 वर्षीय डॉ संजय सिंह राजनीति के बड़े चेहरे हैं और अमेठी राजपरिवार से हैं। 1980 में वह पहली बार विधायक बने, इसके अलावा वह लोकसभा व राज्यसभा के भी सदस्य रह चुके हैं।संजय सिंह 1990 में केंद्रीय संचार मंत्री भी रह चुके हैं। कांग्रेस ने उन्हें आसाम से राज्यसभा भी भेजा था, लेकिन 2019 में उन्होंने कार्यकाल समाप्त होने के पहले ही इस्तीफ़ा दे दिए और भाजपा में शामिल हो गए।


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