अमेठी में न्यू इंडिया का अध्याय

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अमेठी और देश के संबन्ध में कई महत्वपूर्ण बात कही। पहली, अमेठी की राजनीतिक पहचान के संबन्ध में और दूसरी, देश की सामरिक तैयारियों में लापरवाही के संबन्ध में। गौरतलब यह कि यहां की पहचान बने राजनीतिक परिवार ही इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार हैं। तीसरी बात यह कि यहां के सांसद आजकल जहां जाते हैं, वहां का नाम लेकर मेक इन की बात करते हैं। लेकिन दस वर्षों के शासन में वह ऐसा कुछ नहीं कर सके। इधर, नरेंद्र मोदी न्यू इंडिया और मेक इन इंडिया को चरितार्थ कर रहे हैं। अब तक अमेठी की चर्चा एक राजनीतिक परिवार के कारण थी। इसे अब सामरिक तैयारी के रूप में पहचाना जाएगा। इतना ही नहीं, यहां से निर्मित हथियारों का निर्यात भी होगा। नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद हथियारों के संबन्ध में भारत की छवि बदलने का संकल्प लिया था। उनका कहना था कि भारत सामरिक हथियारों का आयातक मात्र नहीं रहेगा। यह स्वावलंबी बनेगा और हथियारों को निर्यात भी करेगा। यह दूरगामी उद्देश्य पूरा हो रहा है।

अमेठी में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जरूरी रक्षा सामग्री जिसका अब यहां विकास का नया अध्याय शुरू हुआ है। इसमें प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कारगर योगदान दिया है।

इसमें कोई संदेह नहीं कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार सामरिक तैयारियों के संबन्ध में लापरवाह थी। उसने सैन्य कमांडरों की सलाह को भी नजरअंदाज किया। उधर हमारे पड़ोसी मुल्क हथियार जमा कर रहे थे। चीन अपनी ताकत बढ़ा रहा था, आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की दुहाई देकर पाकिस्तान भी हथियार व लड़ाकू विमान हासिल कर रहा था। जबकि उसका उद्देश्य भारत के खिलाफ इनका प्रयोग करना था। उसने अमेरिका से मिले एफ 16 विमान से भारत पर हमले का प्रयास किया। ये बात अलग है कि भारत ने उसे मार गिराया। नरेंद्र मोदी ने अमेठी में कहा भी कि पिछली सरकार ने देश को आधुनिक राइफल, आधुनिक बुलेटप्रूफ जैकेट, आधुनिक तोप के लिए भी इंतजार कराया। सेना की यह अनिवार्य जरूरतें थीं। फिर भी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। मोदी सरकार बनने के बाद इस कमी को सुधारा गया। इस सरकार ने आधुनिक हॉविट्जर तोप का सौदा किया और अब भारत में ही बनाई जा रही है।

यूपीए सरकार यह तय ही नहीं कर पाई कि अमेठी की ऑर्डिनेंस फैक्टरी में किस तरह के हथियार बनाए जाएं। इसके लिए जगह भी तलाश नहीं सकी। यह कार्य भाजपा सरकार ने किया।

सेना ने दो हजार पांच में आधुनिक हथियारों की कमी के प्रति मनमोहन सिंह सरकार का ध्यान आकृष्ट किया था। राहुल गांधी को जो वस्तु सामने दिख जाती है, उसी को संबंधित नगर, कस्बे में बनवाने का वादा करते घूम रहे हैं। लेकिन जब उनकी पार्टी सत्ता में थी, तब क्या किया? यह देखना दिलचस्प है। 2007 में उन्होंने अमेठी में आर्डिनेंस फैक्टरी के लिए शिलान्यास किया था। उस अवसर पर उन्होंने विश्वास दिलाया था कि दो हजार दस में उत्पादन शुरू हो जाएगा। इस तय सीमा के बाद चार वर्ष तक कांग्रेस नेतृत्व की सरकार बनी। लेकिन जो दशा राहुल ने मेगा फूड पार्क और सम्राट साइकिल फैक्टरी का किया था, वही इसका हुआ। ये सब शिलान्यास से आगे नहीं बढ़ सकी थीं। नरेंद्र मोदी ने दशकों से लंबित कई योजनाओं को आगे बढ़ाया है। अमेठी में एके 203 राइफल फैक्टरी की आधारशिला रखी। अमेठी के लोगों को विश्वास है कि इसका हश्र राहुल गांधी की योजनाओं की तरह नहीं होगा। मोदी ने कहा कि यह राइफलें आतंकियों और नक्सलियों के साथ मुठभेड़ों में हमारे सैनिकों को निश्चित रूप से बहुत बढ़त दिलाएंगी। मोदी का तंज बिल्कुल निशाने पर था। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जगह-जगह घूमकर भाषण करते रहते हैं| मेड इन उज्जैन, मेड इन जैसलमेर, मेड इन बड़ौदा की बात करते हैं। लेकिन ये मोदी है| अब यहां बनने वाली राइफल मेड इन अमेठी के नाम से जानी जाएगी।

वैसे भी नरेंद्र मोदी रक्षा तैयारियों को पर्याप्त महत्व दे रहे हैं। इस क्षेत्र में लापरवाही को वह घातक मानते हैं। यह तथ्य मोदी के प्रयासों से प्रमाणित भी है। उनकी सरकार सैनिकों के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट की कमी को पूरा कर रही है। दो लाख 30 हजार से ज्‍यादा बुलेटप्रूफ जैकेटों के ऑर्डर दिए हैं। दुनिया की सबसे आधुनिक राइफल का अमेठी में निर्माण होगा।

योगी आदित्यनाथ ने देश में चर्चित वाक्य को दोहराया। कहा कि मोदी है तो मुमकिन है। इसे उन्होंने आतंक के खिलाफ भारत की सर्जिकल स्ट्राइक से जोड़ा।

आतंकी हमले पहले भी हुए लेकिन पहले किसी ने ठोस कार्रवाई नहीं की। नरेंद्र मोदी ने यह कर दिखाया। नरेंद्र मोदी की नीति के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के एक करोड़ से अधिक परिवारों उज्‍ज्‍वला योजना का कनेक्‍शन उपलब्‍ध हुआ है। आतंकियों के कैंप उड़ा कर स्वच्छता का मिशन भी वहां पहुंचा दिया है। इस राइफल फैक्ट्री के लिए रूस से समझौता हुआ है।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को अमेठी से भाजपा का संभावित उम्मीदवार माना जा रहा है। इस समारोह में उन्होंने कार्यकर्ताओं और स्थानीय समस्याओं पर जोर दिया। कहा कि लखनऊ में सत्‍ता की कुर्सियों पर बैठे लोगों को पीपरी के निवासियों की चिंता नहीं थी। तब भाजपा के कार्यकर्ता लखनऊ के चक्‍कर काटते रहे। ईरानी ने खुद कहा था कि राजनीति मंशा के साथ नहीं सामाजिक सश‍क्‍तीकरण की दृष्टि से ही पीपरी का विकास करें। लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।
निश्चित है कि इस कार्यक्रम के माध्यम से भाजपा ने अमेठी में बढ़ी लाइन खींच दी है। राहुल गांधी के लिए यह चुनौती होगी। वैसे भी इतने वर्षों बाद भी अमेठी के विकास के संबन्ध में उनके पास कहने को कुछ नहीं है। वह पेयजल बोतल प्रोजेक्ट को भी पूरा नहीं करा सके थे। नरेंद्र मोदी ने इस ओर ध्यान दिया। इसका कार्य तेज किया गया। 2015 में यह फैक्टरी चालू हो सकी। वैसे राजनीतिक लाभ-हानि से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि अब अतिआधुनिक राइफल भारत में बनेगी। इतना ही नहीं इसका निर्यात भी होगा। यह इस देश के लिए शानदार उपलब्धि है।


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