अब ब्रैन ड्रेन नहीं, ब्रेन गेन के रास्ते पर अग्रसर है भारत : प्रकाश जावेडकर

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पटना, 25 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावेडकर ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से विकसित वाले देशों में शामिल हैं, लेकिन उच्च शिक्षा और खासकर शोध के क्षेत्र में प्रगति अपेक्षा से कम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमलोग नये मंत्र के साथ आगे बढ़ रहे हैं और वह मंत्र ब्रेन गेन का है, न कि ब्रेन ड्रेन का। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष रूचि की वजह से ही उच्च शिक्षा में शोध कार्यों पर खास जोर दिया जा रहा है।
ज्ञान भवन के बापू सभागार में शनिवार को पटना विश्वविद्यालय शताब्दी वर्ष समापन समारोह को संबोधित करते हुये केंद्रीय मंत्री जावेडकर ने कहा कि हम उस लिहाज से आगे नहीं हैं जिस लिहाज से बढ़ना चाहिए। हमलोगों ने गुगल, फेसबुक, ट्वीटर जैसी चीजों का अविष्कार नहीं किया, लेकिन हमारे देश के बच्चे इन चीजों का अविष्कार करने वाली टीम का हिस्सा रहे हैं। प्रकाश जावेडकर ने कहा कि तरक्की के लिए शिक्षा जैसा प्रभावी हथियार कोई नहीं है। हमलोग शिक्षा के क्षेत्र में एक लाख हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा और खासकर के शोध परक शिक्षा को व्यावसायिक इकाइयों से जोड़ने की जरूरत है। शिक्षा का उद्देश्य लोगों की जिंदगी को बेहतर करना है। व्यवसाय के क्षेत्र में जितना अधिक शोध होगा लोगों की जिंदगी में उसी के अनुपात में परिवर्तन होगा। अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि पहले देश के व्यावसायिक प्रतिष्ठान शोध कार्यों के लिए दूसरे देशों की शोध संस्थाओं पर निर्भर थे। शोध से संबंधित यहां का सारा काम दूसरे देश की शैक्षणिक और शोध संस्थाओं को ही दिया जाता था। लेकिन अब स्थिति बदल रही है। यहां के व्यावसायिक प्रतिष्ठान शोध के मामले में अपने देश के छात्रों पर यकीन करने लगे हैं।
प्रकाश जावेडकर ने कहा कि अपने देश के बच्चों में खोज की क्षमता को बढ़ाने के लिए नीचले स्तर से ही प्रयास किया जा रहा है। देश में 3000 किंकरिंग लैब स्थापित किये जा रहे हैं। विभिन्न स्कूलों में तकरीबन 1200 किंगरिग लैब शुरू हो चुके हैं। इनमें कम उम्र से बच्चों को तकनीकी शिक्षा की ओर अग्रसर किया जा रहा है। यही बच्चे आगे चल कर नई तकनीक का आविष्कार करने की क्षमता से परिपूर्ण रहेंगे।
केंद्रीय मंत्री जावेडकर ने कहा कि उन्हें पता चला है कि पटना विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में करीब दो लाख किताबें हैं। यह अच्छी बात है। हमलोगों ने एक राष्ट्रीय डिजीटल लाइब्रेरी बनाई है, जिसमें एक करोड़ साठ लाख किताबें हैं। इसका मेंबर बनकर आप इन किताबों को आसानी से पढ़ सकते हैं। हम चाहते हैं कि पूरा देश पढ़े और खूब पढ़े। उन्होंने कहा कि हमलोग एटीएम की तर्ज पर एटीएल सिस्टम डेवलप कर रहे हैं यानि एनी टाईम लर्निंग।
उन्होंने कहा कि केरल में अभी हाल ही में एक छात्र ने सिर्फ इसलिए आत्महत्या कर ली थी क्योंकि उसके मार्कशीट्स बाढ़ में बह गये थे। अब ऐसी वजहों के लिए किसी छात्र को आत्महत्या करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हमलोग राष्ट्रीय स्तर पर एक ऐसी डिपोजेटरी बना रहा है जिसमें सभी छात्रों के तमाम तरह के सर्टिफिकेट सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने चुटीले अंदाज में कहा कि इस डिपोजेटरी की वजह से अब फिल्म थ्री इडियट की तरह कोई छात्र अपनी जगह दूसरे का फोटो चिपका कर डिग्री हासिल नहीं कर पाएगा। उन्होंने कहा कि छात्रों को निराश होने की जरूरत नहीं है, अभी देश में व्यापक रोजगार के अवसर हैं। सही मायने में रोजगार उनका इंतजार कर रहा है।
बिहार में राज्य सरकार की तरफ से उच्च शिक्षा के लिए छात्रों की दी जा रही क्रेडिट कार्ड लोन की तारीफ करते हुये केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर ने कहा कि वाकई में यहीं की सरकार गरीब छात्रों को उच्च दिलाने के प्रति काफी गंभीर है। उच्च शिक्षा हासिल करने वाले गरीब छात्रों के लिए पहले केंद्रीय बजट में 800 करोड़ रुपये का प्रावधान था जिसे अब बढ़ा कर 2200 करोड़ कर दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री जावेडकर ने कहा कि वह महाराष्ट्र के रहने वाले हैं लेकिन पटना विश्वविद्यालय से उनका खास लगाव है क्योंकि जेपी आंदोलन को यहीं से ताकत हासिल हुई है। पटना विश्वविद्यालय के कई छात्र नेता जेपी आंदोलन की वजह से उनकी करीबी रहे हैं।


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