अफ्रीका के माली में फंसे झारखंड के 33 मजदूरों में से सात मजदूर लौटे वतन
रांची 05 फरवरी।अफ्रिका के माली में कई महीनों से फंसे झारखंड के 33 मजदूर में से 7 श्रमिक वापस आ गये हैं। शनिवार को दिल्ली से फ्लाईट से इन्हें रांची लाया गया। दोपहर बाद ये बिरसा मुंडा हवाई अड्डा पहुंचे। श्रम विभाग के कई अधिकारी उस वक्त मौजूद थे। राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष की तरफ से रोजालिया तिर्की,शिखा लकड़ा रोशनी हसा और काउंसलर रजनी तापे ने सभी मजदूरों का स्वागत किया। गिरिडीह और हजारीबाग के रहनेवाले 33 मजदूरों ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के वीडियो भेज कर झारखंड वापस आने की गुहार की थी।
16 जनवरी को सोशल मीडिया के जरिये यह वीडियो भारत सरकार और झारखंड सरकार के पास भेजा गया था। मामले पर श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने संज्ञान लेते हए राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को मामला सुपुर्द करते हुए इन मजदूरों की झारखंड वापसी की व्यवस्था करने का निर्देश दिया था। इसके बाद नियंत्रण कक्ष की तरफ से इन मजदूरों से संपर्क स्थापित किया गया। सभी मजदूरों के बारे में जानकारी दी गयी कि कल्पतरू पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड में फीटर के रूप में इन मजदूरों को काम दिया गया था।इन्हें त्रैमासिक आधार पर 400 अमेरिकी डॉलर यानी 29,725 रुपये देने को कहा गया था। इनके नियुक्ति पत्र में भी इन बातों का उल्लेख था। मजदूरों ने बताया कि उनका पासपोर्ट ठेकेदार ने जब्त कर रखा है और वह भारत वापस आ चुका है। तीन महीने से ज्यादा समय बीत जाने पर जब इन्हें वेतन आदि नहीं दिया गया तो ये संकट में आ गए। उनके पास खाने-पीने की वस्तुओं की कमी हो गयी।तब इन लोगों ने भारत सरकार से संपर्क स्थापित किया। इसके बाद झारखंड सरकार से भी गुहार लगायी। राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष की तरफ से कल्पतरू पावर ट्रांसमिशन के कंट्री हेड से संपर्क स्थापित कर, ठेकेदार, मजदूरों के प्रतिनिधि और भारतीय दूतावास से बातचीत हुई।
सीमा सिन्हा, ब्यूरो प्रमुख