अनुराग ठाकुर को अपना ही गढ़ बचाने की चुनौती
शिमला, 15 अप्रैल (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के सामने अपना ही गढ़ बचाने की बड़ी चुनौती है, तो कांग्रेस बदलाव के लिए ताकत झोंक रही है। जीत की हैट्रिक लगा चुके भाजपा के अनुराग ठाकुर (44) यहां से अपना चौथा चुनाव लड़ रहे हैं।
अनुराग वर्ष 2008 का उप चुनाव जीतकर पहली बार सांसद बने थे। इसके बाद 2009 और साल 2014 के आम चुनाव में भी अनुराग ठाकुर विजयी हुए। इससे पहले भाजपा के सुरेश चन्देल ने यहां जीत की हैट्रिक लगाई थी। कांग्रेस ने इस सीट पर बड़े मंथन के बाद नैना देवी के विधायक व पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर (67) को उतारा है। रामलाल पांच बार से लगातार विधायक हैं। अहम बात यह है कि वह तीन बार हमीरपुर से सांसद का चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन एक बार भी उन्हें जीत नसीब नहीं हुई। हमीरपुर सीट पर वर्ष 1998 से भाजपा का कब्जा है। जबकि कांग्रेस ने पिछले 30 साल में केवल एक बार वर्ष 1996 में हमीरपुर से लोकसभा चुनाव जीता है।
कांग्रेस अब विधानसभा चुनाव के अपने प्रदर्शन को आधार बनाकर भाजपा से सीट छीनने के लिए भरपूर कोशिश कर रही है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के हाथ से इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली पांच विधानसभा सीटें निकल गयी थीं। हमीरपुर जिले की पांच में से तीन विस सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी। यहां तक कि भाजपा के सीएम पद के दावेदार प्रेम कुमार धूमल भी चुनाव हार गए थे। दोनों दल हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में आक्रामक तरीके से चुनाव प्रचार कर रहे हैं। भाजपा से यह सीट छीनने के लिए कांग्रेस ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है।
कांग्रेस के दिग्गज व छह बार के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में जनसभाएं कर रहे हैं तो दूसरी तरफ बेटे अनुराग को चौथी बार सांसद बनाने की कवायद में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल अपना अधिकांश वक्त इसी संसदीय क्षेत्र में लगा रहे हैं। हमीपुर संसदीय क्षेत्र में हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना, मंडी और कांगड़ा जिलों के 17 विधानसभा हल्के सम्मिलित हैं।