अटल जी को समर्पित विश्व हिन्दी सम्मेलन
मॉरीशस, 18 अगस्त (हि.स.)। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रंद्धाजलि देने के साथ शनिवार को मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुइस में 11वें विश्व हिन्दी सम्मेलन का शुभारम्भ हुआ। खास बात यह है कि पोर्ट लुइस के जिस विवेकानंद इंटरनेशनल कान्फ्रेंस सेंटर में इस हिन्दी सम्मेलन में विश्व के 20 देशों के 2000 से ज्यादा हिन्दी भाषी प्रतिभागी जुटे थे, उसकी आधारशिला भी अटल बिहारी वाजपेयी ने ही रखी थी। इसीलिए मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवीण कुमार जगन्नाथ ने कहा कि अटल जी को इससे अच्छी श्रद्धांजलि नहीं दी जाbr>11वें विश्व हिन्दी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि किसी भी समाज के लिए उसकी भाषा और संस्कृति उसकी पहचान होती है। भाषा और संस्कृति का अन्तर्संबंध होता है। हमारा प्रयास है कि हम भारतीय भाषाओं को बचाने और उसके संरक्षण संवर्धन की भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि भाषा के साथ-साथ संस्कृति का गौरव होना चाहिए। हम देखते हैं कि जहां भी भारतवंशी लोग गए हैं, गिरमिटिया देशों में देखें तो पाएंगे कि उन्हें अपनी संस्कृति पर गर्व है।
सुषमा स्वराज ने कहा कि हम हिन्दी सम्मेलनों को केवल प्रतीकात्मक तौर पर आयोजित नहीं कर रहे हैं बल्कि इसमें लिये गए निर्णयों को पुरजोर तरीके से लागू करने का प्रयास कर रहे हैं। उसी परिप्रेक्ष्य में मॉरीशस में विश्व हिन्दी सचिवालय की स्थापना हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी को अधिकृत भाषा का स्थान दिलाने में कुछ तकनीकी कठिनाइयां आ रही हैं। इसके बावजूद संयुक्त राष्ट्र ने हिन्दी में साप्ताहिक समाचार बुलेटिन शुरू कर दिया है और वह ट्वीटर पर भी हिन्दी में संवाद शुरू कर चुका है।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवीण कुमार जगन्नाथ ने भाषा और संस्कृति के आधार पर भारत के साथ अपने खून के रिश्तों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति ने अपनी अहिंसा, सह अस्तित्व आदि गुणों के चलते विश्व में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि हम अपनी जड़ों से जुड़े रहकर ही विश्व को गले लगा सकते हैं। उन्होंने भारत के साथ मॉरीशस के रिश्तों को अटूट बताते हुए कहा कि हमारे देश के विकास में भारत की बड़ी भूमिका है। उन्होंने मॉरीशस में साइबर सिटी की आधारशिला रखने का श्रेय अटल जी को देते हुए साइबर टावर का नाम अटल टावर करने की घोषणा की।
उद्घाटन समारोह में प्रास्ताविक भाषण देते हुए मॉरीशस की शिक्षा मंत्री लीलीदेवी दुकन लक्ष्मण ने कहा कि हिन्दी केवल भाषा नहीं है बल्कि यह एक जीवन दर्शन है। मानवता को बेहतर ढंग से समझने का सबसे सशक्त माध्यम हिन्दी ही हो सकती है।
11वें विश्व हिन्दी सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में मॉरीशस के उप प्रधानमंत्री इवान, गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा, बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी, गृहराज्यमंत्री किरेन रिजीजू, विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह एवं एमजे अकबर, मानव संसाधन राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह, मॉरीशस के विदेश मंत्री व बड़ी संख्या में अधिकारी व प्रतिभागी मौजूद थे