अजेय भारत-अटल भाजपा’ नारे के साथ 2019 फतह की तैयारी में जुटी भाजपा
नई दिल्ली, 09 सितम्बर (हि.स.)। इस साल के अंत में चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति का खाका तैयार करने और 2019 के आम चुनाव का रुख तय करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी ‘अजेय भारत-अटल भारत’ के नारे के साथ समाप्त हुई । इस बैठक के जरिए भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं को यह स्पष्ट संदेश दिया कि 2019 के आम चुनाव में उसके समक्ष किसी तरह की कोई चुनौती नही है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में पार्टी का विजय रथ मजबूती से आगे बढ़ता रहेगा।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नेताओं ने कार्यकर्ताओं के समक्ष यह भरोसा यूं ही नही जताया। उन्होंने इस भरोसे के पीछे के उन सभी कारणों को भी एक-एक कर कार्यकर्ताओं के समक्ष गिनाया, जो 2019 में किसी तरह की चुनौती न होने के दावे के पीछे हैं। विपक्षी एकजुटता को भी भाजपा ने अपने पक्ष में बताते हुए इसे उपलब्धि के रूप में पेश किया कि आज कोई दल अपने बूते भाजपा का मुकाबला करने में खुद को सक्षम नही पा रहा और यही भाजपा की सफलता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में विपक्षी एकजुटता और महागठबंधन पर जोरदार चोट करते हुए उसे कहा कि जो लोग एक दूसरे को देखने को राजी न थे, आज गले लगने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में नेतृत्व का पता नहीं, नीति अस्पष्ट है और नीयत भ्रष्ट है। उन्होंने विपक्ष पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि झूठ बोलने की उनकी आदत बन गई है।
हाल के चुनावों में कांग्रेस के जनाधार में लगातार आई गिरावट की ओर इशारा करते हुए मोदी ने उसकी तुलना क्षेत्रीय दलों से की। उन्होंने कहा कि आज छोटे से छोटा दल भी कांग्रेस का नेतृत्व स्वीकार करने काे राजी नहीं है और कई दल तो कांग्रेस नेतृत्व को बोझ मानते हैं। उनका इशारा संभवतः तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की ओर था, क्योंकि हाल ही में टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को विदूषक करार दिया था।
बैठक में कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया गया कि भाजपा के पास मोदी जैसा नेता, नीति और रणनीति है । इसके उलट विपक्षी गठबंधन के पास न नेता है, न नीति स्पष्ट है और न ही नीयत है, इसलिए एकजुट विपक्ष भी भाजपा के विजय रथ की राह में किसी तरह की पेशबंदी में सफल नहीं हो सकता।
बैठक में असम में लागू राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को दूसरे राज्यों में भी लागू करने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। गृहमंत्री राजनाथ सिंह की ओर से पेश राजनैतिक प्रस्ताव में वर्ष 2022 तक गरीबी, भ्रष्टाचार, संप्रदायवाद, आतंकवाद से मुक्त नये भारत के निर्माण का संकल्प लिया गया । इसके साथ ही आंतरिक सुरक्षा की स्थिति को पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार के मुकाबले बेहतर बताया गया। आर्थिक प्रस्ताव में केंद्र सरकार के द्वारा नोटबंदी,जीएसटी, और दूसरे कदमों की सराहना की गई।