अखिलेश चाहते हैं कांग्रेस को 14 सीट देना, माया राजी नहीं
नई दिल्ली, 17 फरवरी (हि.स.)। प्रियंका गांधी के राजनीति में आने, पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने, लखनऊ में राहुल-प्रियंका की सफल संयुक्त रैली होने के बाद बदलते माहौल से चिंतित सपा प्रमुख अखिलेश यादव भविष्य की राजनीति के मद्देनजर आगे बढ़कर कांग्रेस का हाथ थामना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार वह बसपा के साथ हुए राज्य के 80 लोकसभा सीटों में से 38 पर सपा व 38 पर बसपा के लड़ने, अमेठी और रायबरेली की 2 सीट कांग्रेस के लिए छोड़ने के समझौते में कुछ फेरबदल करना चाहते हैं। वह चाहते हैं सपा और बसपा अपने-अपने खाते से 6-6 सीटें कम करके 12 सीटें कांग्रेस को दे। इस तरह कांग्रेस को कुल चौदह सीटें मिल जाएगी और यह 12 सीट देने से सपा-बसपा-कांग्रेस-रालोद गठबंधन राज्य में इतना मजबूत हो जाएगा कि लोकसभा चुनाव में राज्य में भाजपा को 5 से 7 सीट पर समेट देगा। उसके दो साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में भी सत्ताधारी पार्टी का सफाया हो जाएगा।
सपा के एक नेता का कहना है कि बसपा सुप्रीमो मायावती इसके लिए राजी नहीं हैं। उनका मानना है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का मजबूत होना मतलब बसपा का नुकसान होना, इसीलिए माया इस फेरबदल के पक्ष में नहीं हैं। इस बारे में कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री सुरेन्द्र का कहना है कि प्रियंका गांधी के राजनीति में आने से पूरे देश में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और समर्थकों में उत्साह आ गया है। अब स्थित बदलनी तय है। इससे कांग्रेस विरोधी दलों के नेता चिंतित हो गए हैं। रही बात उत्तर प्रदेश में तालमेल की तो यह तो अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी व पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता तय करेंगे। जो कुछ होना है वह 10 मार्च तक स्पष्ट हो जाएगा।