अंतरिम नहीं, पूर्ण बजट पेश कर सकती है सरकार, चुनावी साल में होगी सौगातों की बौछार
नई दिल्ली, 17 जनवरी (हि.स.)। आमतौर पर यह एक परंपरा बन गई है कि चुनावी साल में सरकारें अंतरिम बजट पेश करती हैं। दरअसल में यह माना जाता है कि चुनाव के बाद आने वाली सरकार अपने हिसाब से नीतियां बनाएगी और इसलिए पूर्ण बजट पेश करना उसके लिए ही ठीक है। लेकिन इस बार मोदी सरकार यह परंपरा तोड़ सकती है। इसकी पुष्टि फाइनेंस मिनिस्ट्री के ट्वीट पर # 2019 BUDGET से हो रही है, जिसमें ‘नो योर बजट’ की एक सीरिज 15 जनवरी से चल रही है।
वित्त मंत्री कर सकते हैं पूर्ण बजट पेश
इस बात को लेकर काफी कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार 1 फरवरी को जब फाइनेंस मिनिस्टर बजट पेश करेंगे तो वह लेखानुदान (अंतरिम बजट) होगा या भाजपा सरकार परंपरा तोड़ते हुए ‘पूर्ण बजट पेश’ करेगी। ऐसा कहा जा रहा है कि एनडीए सरकार इस बार पूर्ण बजट पेश करेगी, यह भरोसा जताने के लिए कि 2019 के आम चुनाव में जीतकर वह फिर सत्ता में आएगी। साथ ही यह माना जा रहा है कि इस बार बजट में कई लोक लुभावन घोषणाएं की जा सकती हैं।
सोशल मीडिया पर # 2019 BUDGET
मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस और भारत सरकार के हाल में किए गए ट्वीट को देखने से इस आशंका को बल मिलता है। 15 जनवरी से शुरू किया गया यह ट्वीट अगले 15 दिनों तक चलेगा, जिसमें आप बजट के बारे में विस्तार से जान सकते हैं। मिनिस्ट्री के आधिकारिक वेबसाइट पर ‘नो योर बजट’ के नाम से यह सीरिज शुरू की गई है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर # 2019 BUDGET या ‘केंद्रीय बजट’ या ‘बजट 2019’ पेश करने की बात कही गई है, जबकि इससे पहले ऐसे अंतरिम बजट के लिए स्वीकार्य ‘वोट-आन-अकाउंट’ (लेखानुदान) शब्द का इस्तेमाल किया जाता था। ऐसे में मीडिया में चल रही खबर के मुताबिक जेटली बजट 1 फरवरी को पेश करेंगे। आइए जानतें हैं क्या हो सकती है जेटली के पिटारे में इस बार खास…
31 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा बजट सत्र
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा। सत्र के पहले दिन 31 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दोनों सदन को संबोधित करेंगे। इसके बाद 1 फरवरी को वित्त मंत्री अरुण जेटली अंतरिम बजट की जगह पूर्ण बजट पेश कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार का अंतरिम या पूर्ण बजट लोकलुभावन हो सकता है। साथ ही ये इस लोकसभा का आखिरी संसद सत्र हो सकता है, क्योंकि अप्रैल-मई में आम चुनाव कराए जा सकते हैं।
नई सरकार के गठन तक खर्च का बयोरा
अंतरिम बजट में इस साल के सभी खर्चों का ब्योरा पेश किया जाता है। यह बजट सरकार के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि चुनाव से पहले कुछ लोकप्रिय घोषणाएं की जा सकती हैं। इस दौरान मिडिल क्लास को राहत देने के साथ ही किसानों से जुड़ी कई अहम घोषणाएं की जा सकती हैं। हालांकि अंतरिम बजट में सीमित समय के लिए जरूरी सरकारी खर्च की अनुमति होती है और इसके बाद नई सरकार पूरा बजट पेश करती है।
किसानों को मिलेगी आर्थिक मदद
अंतरिम बजट में किसानों के लिए पैकेज का ऐलान किया जा सकता है। इस पैकेज के तहत किसान को खेती करने के लिए हर सीजन 4000 रुपए की मदद की जा सकती है। यह पैसा सीधे उनके खाते में जाएगा। इसके अलावा उन्हें 1 लाख रुपए तक का ब्याज रहित लोन दिया जा सकता है। किसानों के अलावा मोदी सरकार मिडिल क्लास को बड़ी राहत दे सकती है।
बढ़ाई जाएगी आयकर छूट की सीमा
खबरों के मुताबिक, आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए तक किया जा सकता है। अभी यह सीमा 2।5 लाख तक है। अपने कार्यकाल के अंतिम बजट में मोदी सरकार नाराज चल रहे कारोबारियों को बीमा स्कीम का तोहफा दे सकती है। साथ कुछ प्रोडक्ट्स पर कस्टम ड्यूटी में भी बदलाव हो सकता है।
पुरानी पेंशन स्कीम बहाली
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव हारने के बाद केंद्र की भाजपा सरकार दबाव में है। चुनाव परिणामों के बाद सरकार ऐसे कई फैसले ले रही है जिससे जनता राहत महसूस करे। जैसे पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली तो नहीं की गई लेकिन पेंशन स्कीम में बदलाव कर दिया गया। पहले वेतन की 10 फीसदी राशि सरकार जमा करती थी और 10 फीसदी कर्मचारी लेकिन अब सरकार अपनी तरफ से 14 फीसदी का योगदान देगी।
एक दिन में वापस आएगा रिफंड
पिछले दिनों ही फैसला किया गया कि नॉन टेक्निकल यूनिवर्सिटी के टीचर्स और स्टॉफ को सातवें वेतन का लाभ दिया गया। बुधवार को कैबिनेट की मीटिंग में कई बड़े फैसले किए गए। इसमें दावा किया गया कि रिफंड के लिए जो 63 दिनों का इंतजार करना पड़ता था। अब वह रिफंड एक दिन में वापस आ जाएगा। साथ ही 13 नई सेंट्रल यूनिर्वसिटी के लिए बजट जारी किया गया है।