हापुड़ : एक जनपद में दांव पर लगी है तीन सांसदों की साख
-दो लोकसभा क्षेत्रों पर भाजपा और एक पर बसपा का है कब्जा
हापुड़, 11 जनवरी (हि. स.)। विधानसभा चुनावों के लिए रणभेरी बज चुकी है। सभी दल अपने प्रत्याशियों की सूची को अन्तिम रूप देने में जुटे हैं। जनपद हापुड़ में भी चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दलों ने बिसात बिछानी शुरू कर दी है। जिले में कुल तीन विधानसभा क्षेत्रों से जनप्रतिनिधि चुने जाते हैं। इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल करने के लिए सभी दलों के जिला अध्यक्षों के अलावा तीन वर्तमान सांसदों की साख भी दांव पर लगी हुई है। जनपद के तीनों विधानसभा क्षेत्र अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं।
इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में से वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में हापुड़ और गढ़मुक्तेश्वर विधानसभा क्षेत्रों पर भारतीय जनता पार्टी और धौलाना विधानसभा क्षेत्र पर बसपा ने कब्जा किया था। बसपा के विधायक अब पाला बदल चुके हैं। बसपा के असलम चौधरी दल बदल कर समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार हो चुके हैं।
हापुड़ विधानसभा क्षेत्र को मेरठ लोकसभा क्षेत्र से जोड़ा गया है, जहां से राजेन्द्र अग्रवाल सांसद हैं। धौलाना विधानसभा क्षेत्र गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र से जुड़ा है। वहां से जनरल वी.के. सिंह सांसद हैं। ये दोनों सांसद भाजपा के सदस्य हैं। जनरल वी.के. सिंह तो केन्द्र सरकार में मंत्री भी हैं। गढ़ विधानसभा क्षेत्र अमरोहा लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। इस लोकसभा क्षेत्र से कुंवर दानिश अली हैं, जो बसपा के सदस्य हैं। वर्तमान विधानसभा चुनाव के नतीजे तीनों नेताओं का अपनी-अपनी पार्टी में उनका कद तय करेंगे।
हापुड़ विधानसभा सीट
हापुड़ विधानसभा क्षेत्र को मेरठ लोकसभा क्षेत्र में शामिल किया गया है। इस लोकसभा क्षेत्र पर पिछले तीन चुनावों में भाजपा प्रत्याशी के रूप में राजेंद्र अग्रवाल कब्जा जमाए हुए हैं। इस क्षेत्र से लगातार तीन बार सांसद बने रहने के कारण राजेंद्र अग्रवाल का पार्टी में कद बहुत ऊंचा हो है। यही कारण है कि उन्हें लोकसभा अध्यक्ष के पैनल में शामिल किया गया है। मेरठ में रहने के बावजूद सांसद राजेन्द्र अग्रवाल हापुड़ विधानसभा क्षेत्र में लगातार पूरी तरह सक्रिय रहते हैं। हापुड़ विधानसभा क्षेत्र में कुल तीनन लाख,65 हजार , 584 मतदाता है। वर्ष 2017 में मौजूदा विधायक विजयपाल आढ़ती अैर नगरपालिका अध्यक्ष प्रफुल्ल सारस्वत को पार्टी का प्रत्याशी बनवाने और उनकी जीत में सांसद की मुख्य भूमिका रही है। इस बार राजेन्द्र अग्रवाल की जिम्मेदारी अधिक बढ़ गई है। इस विधानसभा क्षेत्र में जीत दोहराना भाजपा प्रत्याशी और वर्तमान सांसद के लिए बड़ी चुनौती होगी।
गढ़मुक्तेश्वर विधानसभा सीट
गंगा नगरी गढ़मुक्तेश्वर विधानसभा क्षेत्र को अमरोहा लोकसभा क्षेत्र में जोड़ा गया है। अमरोहा लोकसभा क्षेत्र पर भाजपा प्रत्याशी चेतन चौहान ने दो बार और कंवर सिंह तंवर ने एक बार कमल खिलाया है। वर्ष 2019 में बसपा के कुंवर दानिश अली इस क्षेत्र से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। वर्तमान में गढ़मुक्तेश्वर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भाजपा के डाॅक्टर कमल सिंह मलिक कर रहे हैं। इसके बाद गढ़मुक्तेश्वर नगर पालिका चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। यहां बसपा प्रत्याशी सोना सिंह पालिकाध्यक्ष पद का चुनाव जीते थे। इस विधानसभा क्षेत्र पर सभी राजनीतिक दलों के नेता अपनी-अपनी पार्टी के प्रत्याशी की जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन इस क्षेत्र का सांसद होने के कारण बसपा के सांसद कुंवर दानिश अली की साख इस विधानसभा क्षेत्र पर लगी हुई है।
धौलाना विधानसभा सीट
गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधि चुनने में धौलाना विधानसभा क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस लोकसभा क्षेत्र से वर्ष 2009 में वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चुनाव जीते थे। वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में जनरल वी.के. सिंह चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। इस लोकसभा क्षेत्र के सांसद की धौलाना विधानसभा क्षेत्र में होने वाली हर हलचल पर नजर रहती है। इसमें चाहें पंचायत चुनाव हों या निकाय, सभी में प्रत्याशी घोषित होने से लेकर उसे जीत दिलाने में उनकी अहम भूमिका होती है। इस बार के विधानसभा चुनाव में धौलाना विधानसभा क्षेत्र भाजपा के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां से वर्ष 2017 में बसपा प्रत्याशी असलम चौधरी चुनाव जीते थे। इस बार भाजपा कमल खिलाने का जोर लगा रही है। स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां रैली कर इस क्षेत्र की महत्ता बता चुके हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में चार लाख,11 हजार,332 मतदाता हैं।