हरीश रावत को कांग्रेस ने हरिद्वार के बजाय नैनीताल से उम्मीदवार बनाया
देहरादून, 24 मार्च (हि.स.)। आखिरकार भाजपा के बाद कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। कांग्रेस ने हरिद्वार से प्रबल दावेदार माने जा रहे पूर्व मुख्य मंत्री हरीश रावत को नैनीताल से उम्मीदवार बनाया है। इसके पीछे राजनीतिक समीक्षक भाजपा उम्मीदवार डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक को मानते हैं हैं। पिछली बार उन्होंने हरीश रावत को बुरी तरह पराजित किया था, जिसके कारण हरीश रावत हरिद्वार से नहीं लड़ना चाहते थे।
उन्होंने हाईकमान से भी ऐसा ही आग्रह किया था, लेकिन नेता प्रतिपक्ष एवं कुमाऊं के वरिष्ठ नेताओं में से एक डाॅ. इंदिरा हृदयेश नहीं चाहती थी कि हरीश रावत कुमाऊं से लड़ें। इसका कारण दोनों के बीच मतभेद होना है। डाॅ. इंदिरा हृदयेश के शुभचिंतकों का मानना है कि महापौर के चुनाव में हरीश रावत ने डाॅ. इंदिरा हृदयेश के पुत्र सुमित हृदयेश को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस कारण दोनों के बीच खाई और गहरी हुई। इसके ठीक विरुद्ध हरीश रावत ने कांग्रेस के 11 विधायकों में से आठ विधायकों को अपने पक्ष में दिल्ली भेजकर यह जताने की कोशिश की है कि डाॅ. इंदिरा हृदयेश नेता प्रतिपक्ष लायक नहीं है और उन्हें विधायकों का भी समर्थन नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी ने टिहरी से पूर्व सांसद एवं टिहरी महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह, पौड़ी से भाजपा राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व विधायक एवं मंत्री रह चुके तीरथ सिंह रावत को, हरिद्वार से पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक को, नैनीताल ऊधम सिंह नगर से पूर्व मंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को तथा अल्मोड़ा सुरक्षित से केन्द्रीय कपड़ा राज्यमंत्री अजय टम्टा को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को टिहरी से और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को नैनीताल से अपना उम्मीदवार बनाया है।
काफी ऊहापोह के बाद कांग्रेस ने पांचों सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। कांग्रेस ने हरिद्वार से पूर्व मंत्री अमरीश कुमार, टिहरी से प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रीतम सिंह, पौड़ी से भाजपा सांसद बीसी खंडूड़ी के पुत्र मनीष खंडूरी तथा अल्मोड़ा से राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा एवं नैनीताल से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर दांव खेला है। कांग्रेस के लिए नैनीताल सीट सिरदर्द बनी हुई थी, क्योंकि हरीश रावत का विरोध नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश कर रही थी लेकिन हरीश रावत खेमे के आठ विधायक दिल्ली पहुंचे और हरीश रावत को नैनीताल से चुनाव मैदान में उतारने की मांग की, जिसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने हरीश रावत के नाम पर मोहर लगा दी।
कांग्रेस ने बड़े दिग्गजों पर दांव खेला है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ-साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी के बेटे मनीष खंडूरी पर दांव खेला है। मनीष खंडूरी ने हाल ही में कांग्रेस का दामन थामा है लेकिन जनता में उनकी पकड़ न होना और पिता के नाम का सहारा लेना इस बात का संकेत है कि कहीं न कहीं मनीष खंडूरी भी बहुत आगे नहीं जा पाएंगे। उनके प्रतिद्वंदी के रूप में भाजपा से उतरे तीरथ सिंह रावत ने खंडूरी को लगातार चुनाव लड़ाया है और वह मनीष को पुत्र जैसा ही मानते हैं।