स्वच्छता को बनाना है गांव-गांव, घर-घर का संस्कार : नरेंद्र मोदी
कुरुक्षेत्र, 12 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि स्वच्छता को गांव-गांव, घर-घर का संस्कार बनाना है। जब हर घर में स्वच्छता होगी, तभी देश स्वच्छता अभियान में सफलता हासिल कर पाएगा। देश की नारी शक्ति का स्वच्छता अभियान को सफल बनाने में सबसे बड़ा योगदान है। महिलाओं ने स्वच्छता मिशन को अपनाकर देश की उन्नति में योगदान किया। एक महीने में सवा करोड़ शौचालयों पर पेटिंग कर स्वच्छता का नए तरीके से संदेश दिया गया है । पिछले 70 सालों में स्वच्छता को लेकर कितने प्रयास हुए उससे सभी भली-भांति परिचित हैं। मगर साढ़े चार साल में स्वच्छता 40 प्रतिशत से 98 प्रतिशत तक पहुंची है । देश भर में 10 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया है। इसके साथ 600 जिलों के 5.5 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं, जो देश के लिए गर्व की बात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में आयोजित स्वच्छ शक्ति सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन को बेटियों की गरिमा व सम्मान के लिए बनाया गया, ताकि उन्हें खुले में शौच की समस्या से मुक्ति मिल सके। चार साल पहले 30 करोड़ महिलाओं को शौच जाने के लिए अंधेर का इंतजार करना पड़ता था। महिलाओं को इस अपमान से मुक्ति दिलाने के लिए उन्होंने लाल किले की प्राचीर से संकल्प लिया था । उनके इस संकल्प का कुछ लोगों ने मजाक भी बनाया, लेकिन देश की नारी शक्ति ने इस अभियान को सफल बनाने में सबसे ज्यादा योगदान दिया। आलोचकों की परवाह किए बिना देश की बेटियों की पीड़ा को दूर करने के लिए उन्होंने आगे बढ़ कर काम किया और आज परिणाम सबके सामने है। उन्होंने स्वच्छता अभियान को महिलाओं की भावनाओं के साथ जोड़ा और खुले में शौचालय को प्रतिष्ठा के साथ जोड़ने का काम किया। स्वच्छता अभियान से महिलाओं को अपमान से मुक्ति मिली है और रोजगार के माध्यम भी सृजित किए गये । अब राज मिस्त्री की जगह रानी मिस्त्री ने ले ली है , जिससे महिलाएं सशक्त रूप में उभरी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन को बेटियों की गरिमा व सम्मान के लिए बनाया गया, ताकि उन्हें खुले में शौच की समस्या से मुक्ति मिल सके। चार साल पहले 30 करोड़ महिलाओं को शौच जाने के लिए अंधेर का इंतजार करना पड़ता था। महिलाओं को इस अपमान से मुक्ति दिलाने के लिए उन्होंने लाल किले की प्राचीर से संकल्प लिया था । उनके इस संकल्प का कुछ लोगों ने मजाक भी बनाया, लेकिन देश की नारी शक्ति ने इस अभियान को सफल बनाने में सबसे ज्यादा योगदान दिया। आलोचकों की परवाह किए बिना देश की बेटियों की पीड़ा को दूर करने के लिए उन्होंने आगे बढ़ कर काम किया और आज परिणाम सबके सामने है। उन्होंने स्वच्छता अभियान को महिलाओं की भावनाओं के साथ जोड़ा और खुले में शौचालय को प्रतिष्ठा के साथ जोड़ने का काम किया। स्वच्छता अभियान से महिलाओं को अपमान से मुक्ति मिली है और रोजगार के माध्यम भी सृजित किए गये । अब राज मिस्त्री की जगह रानी मिस्त्री ने ले ली है , जिससे महिलाएं सशक्त रूप में उभरी हैं।