स्कूल की छत गिरी, सहमे बच्चे कतरा रहे स्कूल जाने से, रखरखाव को लेकर उठे सवाल

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उदयपुर, 11 मार्च (हि.स.)। एक तरफ राजस्थान की गहलोत सरकार बजट में शिक्षा को लेकर अंग्रेजी माध्यम पर जोर दे रही है और दूसरी तरफ सरकारी स्कूलों का रखरखाव ही नहीं हो रहा है। शहरी क्षेत्र में भले ही अधिकारियों की नजर रहती है, लेकिन सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्कूलों के हाल खराब ही नहीं, खतरे से भरे लग रहे हैं। ऐसे ही उदयपुर-डूंगरपुर के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित एक गांव के स्कूल की छत अचानक गिर गई, यह तो गनीमत थी कि रात का समय था, वर्ना हादसा कितनों को घायल करता, कहा नहीं जा सकता।
जी हां, मामला उदयपुर जिले के सलूम्बर उपखंड क्षेत्र की झल्लारा पंचायत समिति ग्राम पंचायत कराकला के नई बस्ती कुंडली गांव का है जहां के राजकीय प्राथमिक स्कूल की छत ढह गई। हादसा बुधवार-गुरुवार रात की दरमियान हुआ। छत गिरने का दृश्य सुबह किसी ग्रामीण ने देखा तो वह घबरा गया। घटना की खबर गांव में फैली तो गुरुवार को बच्चों की उपस्थिति कम रही। स्कूल पहुंचे विद्यालय के शिक्षक और बच्चे काफी देर तक बाहर ही खड़े रहे। छत बरामदे की गिरी थी और उसे देखकर अब भी यही लग रहा है कि कमरों की छत कभी भी गिर सकती है। ऐसे में उनकी कक्षों में जाने की हिम्मत नहीं हुई।
जानकारी मिलने पर कराकला से वरिष्ठ प्राचार्य स्थिति देखने पहुंचे। यह स्कूल भवन 35 साल पुराना बताया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि रखरखाव के नाम पर सिर्फ रंगाई-पुताई ही देखी है। स्कूल के शिक्षक हीरालाल मीणा का कहना है कि हादसा रात को हुआ, यदि स्कूल समय में होता तो बच्चे और शिक्षक चपेट में आ सकते थे। इस भवन की जर्जर हालत के चलते स्कूल में नवनिर्मित कमरे में एक कक्ष में पढ़ाई चलती है। अन्य बच्चे स्कूल के बरामदे में बैठकर पढ़ाई करते हैं। विद्यालय भवन के पुनर्निर्माण के लिये सम्बंधित विभाग को लिखा गया है लेकिन अभी तक इस पर ध्यान नहीं दिया गया। इस हादसे के बाद बच्चे स्कूल आने से घबरा रहे हैं, शिक्षकों में भी अंदेशा है कि कहीं और जगह से छत न गिर जाए।


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