सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा की शिकायत रिश्तेदार भी कर सकेंगे
नई दिल्ली, 01 मई (हि.स.)। एक महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के मामले में महिला का कोई रिश्तेदार भी पति या पति के रिश्तेदारों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है। जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने ये आदेश दिया।
कोर्ट ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा-498ए में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि केवल पीड़ित महिला ही शिकायत दर्ज करा सकती है। शिकायत सिर्फ पीड़ित महिला द्वारा ही दर्ज कराया जाना जरूरी नहीं है।
पिछले नौ अप्रैल को दहेज उत्पीड़न के एक और मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ससुराल से निकलने को मजबूर हुई महिला के लिए ये जरूरी नहीं कि वो दहेज उत्पीड़न की शिकायत उसी शहर में दर्ज कराए, जहां ससुराल है। महिला माता-पिता के शहर या जहां भी उसने शरण ली है, उस जगह शिकायत दर्ज करवा सकती है।
आम तौर पर आपराधिक मामले में ये कानून है कि केस उसी पुलिस थाने में दर्ज कराया जा सकता है, जहां की सीमा क्षेत्र में घटना घटी हो। जबकि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि चूंकि महिला ससुराल का घर छोड़ने के लिए मजबूर हुई है इसलिए वो जहां रहेगी वहां वह भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए के तहत केस दर्ज करा सकती है।