सुखाड़िया विश्वविद्यालय जीएसटी प्रकरण: भाजपा महिला मोर्चा ने दिया धरना-प्रदर्शन
उदयपुर, 21 जनवरी (हि.स.)। उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में निजी महाविद्यालयों की सम्बद्धता में जीएसटी लागू करने या नहीं करने का विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार को भाजपा महिला मोर्चा ने सुविवि कुलपति के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया।
भाजपा शहर जिलाध्यक्ष रवींद्र श्रीमाली एवं महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष कविता जोशी के नेतृत्व में जिला कलेक्ट्रेट के सम्मुख धरना दिया गया। प्रदर्शन के दौरान कुलपति अमेरिका सिंह का पुतला जलाया गया। इस अवसर पर राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को दिए ज्ञापन में मोर्चा ने कहा कि कुलपति द्वारा पूर्व में महिला कर्मचारियों प्रो. सीमा मलिक और प्रो. राजेश्वरी नरेंद्रन से अभद्रता का मामला भी राज्यपाल के संज्ञान में लाया गया है। विश्वविद्यालय में प्रोफेसर सीमा मलिक व प्रोफेसर राजेश्वरी नरेंद्रन के साथ अभ्रद्रता कुलपति द्वारा की गई, जिसकी शिकायत इन्होंने राज्यपाल से व्यक्तिगत समय लेकर जयपुर जाकर की जो कि सरकारी रिकॉर्ड में भी है।
ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया कि मीनाक्षी जैन नामक शिक्षक को नियम विरुद्ध जाकर प्रोफेसर का पद देने की कवायद का भी मामला सबके सामने है। पूर्व की अधिष्ठाता प्रो. सीमा मलिक ने विरोध किया तो उन्हें डीन पद से हटा दिया गया। रजिस्ट्रार ने भी यह कह कर हस्ताक्षर करने से मना किया कि यूजीसी के नियम विरुद्ध है तो उन पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाया गया।
इसी प्रकार वरिष्ठता क्रम को दरकिनार करते हुए कुलपति ने विज्ञान महाविद्यालय और कला महाविद्यालय में अधिष्ठाता की नियुक्तियां की हैं जो कि नियम विरुद्ध हैं। विज्ञान महाविद्यालय में प्रो एन लक्ष्मी, प्रो आरती प्रसाद और प्रो बामनिया की वरिष्ठता को दरकिनार कर प्रो घनश्याम सिंह राठौड़ को डीन बना दिया। ऐसे ही अपने बदला लेने के रवैये के कारण प्रो सीमा मलिक के स्थान पर प्रो सीआर सुथार को डीन बना दिया गया।
व्यास विश्वविद्यालय के प्रबंधन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ मीता निहलानी ने राज्यपाल को पत्र लिखकर सुविवि कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह पर सीएएस साक्षात्कार में अभद्रता करने और जानबूझकर रिजेक्ट करने की शिकायत की थी एवं स्वतंत्र कमेटी से जांच करवाने की मांग रखी थी।
मीडिया प्रभारी चंचल कुमार अग्रवाल ने बताया कि भाजपा शहर जिलाध्यक्ष रवींद्र श्रीमाली ने जिला कलेक्टर को कहा कि जिस प्रकार कुलपति अमेरिका सिंह द्वारा यह खेल किया जा रहा है वह सब उनके कार्यकाल में वित्तीय अनियमितताओं और किये गए भ्रष्टाचार की ओर से ध्यान हटाने का पाखंड मात्र है। विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय की गरिमा को जिस प्रकार से इन्होंने तार-तार किया, वह निंदनीय है। आज तक जितने कुलपति आये उन्होंने हमेशा अपने पद की गरिमा रखी। उन्होंने कहा कि स्वयं मीडिया के बन्धु, जिला प्रशासन इस प्रकरण की स्वतंत्र जांच करवा लें, दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा।