सावधान: यहां मुर्दा को भी लगाया जाता है कोविड का वैक्सीन!
कोरोना पॉजिटिव का रिपोर्ट भी सिस्टम से गायब
मऊ, 21 जनवरी (हि.स.)। तमाम चुनौतियों के बीच देश में कोरोना वैक्सीनेशन का एक साल पूरा होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भले ही ट्वीट कर इस अभियान में शामिल सभी लोगों के प्रति आभार जता रहे हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो प्रधानमंत्री के इस अभियान पर बट्टा लगा रहे हैं। 16 जनवरी 2021 को शुरू हुए इस अभियान को एक साल पूरा होने के बाद, 18 जनवरी 2022 को 367वें दिन, गाजीपुर जनपद से एक ऐसा समाचार प्रकाश में आया जिसे सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे।
गाजीपुर नगरपालिका परिषद में वैक्सीन सेंटर पर वैक्सीनेशन करने वाली टीम की सदस्य डिम्पल ने 18 जनवरी 2022 को एक ऐसी महिला को वैक्सीन लगा दिया है जो लगभग 09 माह पूर्व 27 अप्रैल 2021 को इस दुनिया को अलविदा कह गई हैं। ऐसे में बकायदा उसके दूसरे डोज का टीका लगने पर सर्टिफिकेट भी जारी हो गया है।
गौरतलब है कि जनपद गाजीपुर के सादात नगर पंचायत की वार्ड नं. 06 मुहल्ला श्रीनगर निवासी श्रीमती केसर बरनवाल उम्र लगभग 50 वर्ष पत्नी सदानन्द बरनवाल अपनी मां के निधन पर मऊ नगर के निजामुद्दीनपुरा मायके में आई हुई थी, अचनाक श्रीमती केसर बरनवाल की तबियत खराब होने पर परिजनों द्वारा मऊ उन्हें जनपद के जिला अस्पताल में 25 अप्रैल 2021 को 04 अपरान्ह पर भर्ती कराया गया था। जहां उनका इलाज के दौरान 27 अप्रैल 2021 को 11:05 रात्रि में मौत हो गई। जिला अस्पताल में तैनात चिकित्सक ईएमओ डा. एस.के. गुप्ता ने मृत्यु प्रमाण पत्र बना परिजनों को सौंप दिया। परिजन रोते बिलखते शव लेकर गए।
केसर बरनवाल की मौत, पहले डोज की वैक्सीन 09 अप्रैल 2021 को लगवाने के कुछ ही दिन बाद हो जाने की वजह से वे दूसरे डोज की वैक्सीन नहीं लगा। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और शासन की मंशा को धता बताते हुए वैक्सीनेशन टीम की कर्मियों ने मुर्दा केसर बरनवाल को 18 जनवरी 2022 को वैक्सीन लगाकर लगाकर बकायदे उसका सर्टीफिकेट नं. 76214742030 भी जारी कर दी। कोविशिल्ड के लगे वैक्सीन का बैच नं. 4121AA068M है जो प्रमाण पर अंकित है।
ऐसे में यह तो महज एक मामला प्रकाश में आया है, लेकिन कोरोना वारियर्स का सम्मान पाने वाले कुछ लोग अगर देश के इस नाजुक हालात के समय ऐसे गलत आंकड़े प्रस्तुत करने की कलाबाजी से बाज नहीं आएंगे तो असल आंकड़े का हाल क्या होगा।
मृतका के भाई ज्ञानेश्वर बरनवाल अखिलेश का कहना है कि बहन को जिस दिन मऊ जिला अस्पताल में भर्ती कराया उनका उस दिन आरटीपीसीआर टेस्ट हुआ था। मोबाइल पर रिपोर्ट पॉजीटिव आया लेकिन, रिपोर्ट आने से पहले ही केसर देवी की मौत हो गई। और मां की मौत से शोक में डूबे बेटे से अब इस रिपोर्ट की क्या आवश्यकता डिलीट कर दिया गया। जब परिजन कोरोना से मौत होने के कारण सरकार द्वारा मिलने वाले आर्थिक सहायता के लिए यह प्रयास करने लगे कि परिवार का आर्थिक सहायता हो जाएगा, तो सिस्टम से केसर बरनवाल के कोरोना पॉजिटिव का सारा प्रमाण ही गायब हो गया। ऐसे में ज्ञानेश्वर बरनवाल कहते हैं गजब का सिस्टम है प्रशासन का, ऐसे भ्रष्ट अधिकारी शासन की आंखों में धूल झोंक कर सरकार को बदनाम कर रहे हैं। ऐसे में निराश्रित बच्चों का देखभाल कैसे होगा यह भगवान ही मालिक है।
मामले का जांच करवा कर पीड़ित की करेंगे मदद : सीएमओ
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.श्याम नारायण दुबे का मृतक के कोरोना टेस्ट के पॉजिटिव रिपोर्ट पोर्टल पर से गायब होने के मामले में कहना है कि मामला संज्ञान में आया है वे इसकी जांच कराएंगे, अगर कोई त्रुटि संबंधित विभाग से हुई है तो उसको सही कराएंगे।
उन्होंने कहाकि अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आया है तो रिकॉर्ड गायब होने का कोई वजह नहीं हो सकता, टेक्निकल कमी से ऐसा हो सकता है वह पीड़ित परिजन का हर संभव मदद कराने की कोशिश करेंगे।