सारदा प्रमुख सुदीप्त सेन के करीबी के संपर्क में थे राजीव कुमार
कोलकाता, 18 मई (हि.स.) । कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार एक सप्ताह के अंदर अपनी जमानत लेने की जुगत में लग गए हैं। सीबीआई के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि राजीव कुमार पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं। उनके फोन का रिकॉर्ड खंगालने पर पता चला है कि वह सारदा प्रमुख सुदीप्त सेन के एक करीबी सहयोगी से लगातार संपर्क में बने हुए थे। दोनों के बीच समय-समय पर पांच बार बातचीत हुई है जिसका रिकॉर्ड सीबीआई ने निकाला है।
कोलकाता, 18 मई (हि.स.) । कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार एक सप्ताह के अंदर अपनी जमानत लेने की जुगत में लग गए हैं। सीबीआई के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि राजीव कुमार पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं। उनके फोन का रिकॉर्ड खंगालने पर पता चला है कि वह सारदा प्रमुख सुदीप्त सेन के एक करीबी सहयोगी से लगातार संपर्क में बने हुए थे। दोनों के बीच समय-समय पर पांच बार बातचीत हुई है जिसका रिकॉर्ड सीबीआई ने निकाला है।
दरअसल राजीव कुमार पर आरोप है कि सारदा प्रमुख के साथ सत्तारूढ़ दल के लोगों के संपर्क संबंधी कॉल रिकॉर्ड और अन्य दस्तावेजों को उन्होंने नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
आरोप है कि 2013 के अप्रैल में जब राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जम्मू-कश्मीर के सोनमार्ग से सारदा प्रमुख को उसके सहयोगी देबजानी के साथ गिरफ्तारी की थी तब उनके पास से उनका रिकॉर्ड भी मिला था। राजीव कुमार एसआईटी के प्रमुख थे और उन्होंने कथित तौर पर फोन रिकॉर्ड से छेड़छाड़ की थी। वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की। एसआईटी ने सीबीआई को जो कॉल रिकॉर्ड दिया, उसमें छेड़छाड़ किए गए थे। एक तरफ सीबीआई ने इस मामले में वास्तविक कॉल रिकॉर्ड मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर से निकालने की शुरुआत की थी और दूसरी ओर राजीव कुमार से पूछताछ के लिए नोटिस भेजे गए थे। दो वर्षों तक लगातार नोटिस भेजे जाने के बावजूद जब राजीव कुमार और विशेष जांच दल में शामिल अन्य आईपीएस अधिकारियों ने जांच में सहयोग नहीं किया तो सीबीआई ने राजीव कुमार के ही फोन का रिकॉर्ड खंगाल डाला। तब पता चला कि उनके फोन पर सारदा प्रमुख सुदीप्त सेन के बेहद करीबी सहयोगी ने पांच बार फोन किया था। इस बारे में उनसे शिलांग के सीबीआई दफ्तर में भी पूछताछ हुई थी और कोर्ट में भी सीबीआई ने इसे मुख्य हथियार बनाया था जिसके आधार पर उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाई गई है।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई राजीव कुमार से पूछताछ कर उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज करने की तैयारी कर रही है ताकि उन्हें आसानी से जमानत ना मिले।