शराबबंदी के लिए लोगों में जागृति रहनी चाहिए, तभी अच्छे समाज का होगा निर्माण: नीतीश
सीएम ने कहा, छात्र जीवन से ही शराब के खिलाफ रहा हूं
पटना, 24 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को समाज सुधार अभियान यात्रा के तहत गोपालगंज में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शराबबंदी के लिए लोगों में जागृति रहनी चाहिए। साथ ही दहेज मुक्त समाज के लिए लोग आगे आए। इसी से एक अच्छे समाज का निर्माण संभव होगा। यह यात्रा तो समाज सुधार अभियान का एक अंश है। यह समाज सुधार अभियान लगातार चलता रहेगा। हर शहर, गांव और कस्बा में समाज सुधार अभियान जारी रहेगा।’
शराबबंदी के पक्ष में मैं शुरू से ही था। मैं अपने छात्र जीवन से ही शराब के खिलाफ था। शराब नहीं पीने के लिए सरकार आने के बाद लोगों को जागरूक किया लेकिन शराबबंदी जैसे बड़ा निर्णय को लेकर ओहपोह की स्थिति थी। वर्ष 2015 में जीविका दीदी का कार्यक्रम पटना में था। उसमें दीदियों ने कहा कि शराब बंद कीजिए। मैंने उनसे वादा किया कि सरकार में आएंगे तो शराबबंदी लागू अवश्य करेंगे। दुबार जब हम 2015 में सरकार में आए तो 2016 में इसको लागू भी कर दिया।आज मुझे इस बात की खुशी है कि मद्य निषेद विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इस जिम्मेवारियों का अभी तक अच्छी तरह से निर्वाहन किया है।
विपक्ष पर साधा निशाना
शराबबंदी को लेकर विरोधियों के समीक्षा करने वाले बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कुछ लोगों को बोलने की आदत होती है लेकिन शराबबंदी का समर्थन राज्य के अधिकतर लोगों ने किया था। शराबबंदी के बाद शराब पीएंगे तो उनकी मौत होगी ही। मौत होती है, तो लोग कुछ-कुछ बोलने लगते हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि शराब से होने वाले नुकसान को बताते हुए कई बार महात्मा गांधी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि गांधी जी जब आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे तब उन्होंने कहा था कि अगर मुझे एक घंटे के लिए तानाशाह बना दिया जाए तो मैं देशभर में शराबबंदी लागू कर दूंगा। बापू ने कहा था शराब बहुत खराब चीज है। शराब न केवल उनसे उनका पैसा छीन लेती है बल्कि बुद्धि भी छीन लेती है। शराब पीने वाला आदमी हैवान बन जाता है। शराब से होने वाले नुकसान को बताते हुए सीएम ने कहा कि शराब पीने से कैंसर और एड्स जैसी जानलेवा बीमारी होती है इसलिए शराब नहीं पीने का संकल्प ले।
सीएम ने शराबबंदी वापस लिये जाने को लेकर कही जा रही बातों को विराम देते हुए कहा कि कुछ लोग हमें कहते है कि बिहार में गुजरात मॉडल अपनाया जाए। जो लोग बाहर से आते है उन्हें शराब पीने की इजाजत दे दी जाए, मैं उनको कहता हूं कि कोई बिहार शराब पीने के लिए थोड़ी ही न आता है। कुछ लोग कहते थे कि शराब बंद होने से पर्यटन का नुकसान होगा लेकिन 2019 से पहले का आंकड़ा देख लीजिये, बिहार आने वाले पर्यटकों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब, दहेज और बाल विवाह के खिलाफ उनका अभियान जारी रहेगा, ये कोई यात्रा नहीं है जो समाप्त हो जाए ये अभियान है जो निरंतर जारी रहेगा। शराबबंदी को सफल बनाने के लिए उन्होंने महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि अगर आपके आस-पास कोई शराब का धंधा कर रहा है तो सारी महिलाएं एक साथ होकर उसका विरोध करे और पुलिस – प्रशासन को धंधा करने वालों की सूचना दे।
उन्होंने कहा कि दहेज और बाल विवाह के खिलाफ भी ऐसा ही अभियान चलना चाहिए। कोरोना की वजह से गाइडलाइन है कि शादी से पहले थाने को सूचना दी जाए। मै अब ये कहता हूं कि थाने में तो सूचना देना ही है साथ ही ये भी लिखवाया जाए कि शादी दहेज मुक्त है। अपने संबोधन के बाद सीएम ने गोपालगंज, सारण और सिवान को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब तक एक दर्जन यात्रा कर चुके हैं। 2005 में न्याय यात्रा से शुरुआत की थी। उसके बाद विकास यात्रा, धन्यवाद यात्रा, प्रवास यात्रा, विश्वास यात्रा, सेवा यात्रा, अधिकार यात्रा, संकल्प यात्रा, संपर्क यात्रा, निश्चय यात्रा, विकास कार्यों की समीक्षा यात्रा, जल जीवन हरियाली यात्रा और अब समाज सुधार अभियान के तहत यात्रा कर रहे हैं।
जीविका समूह को करोड़ों रुपये दिया चेक
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कई जीविका समूह को करोड़ों रुपए का चेक दिया। उन्होंने कहा, ‘शराबबंदी का अभियान जारी रहेगा। जीविका दीदियों की भूमिका इस अभियान में काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि महिलाओं की मांग पर ही शराबबंदी की थी। शराबबंदी के बावजूद कुछ लोग गड़बड़ कर रहे हैं, लेकिन उन लोगों के खिलाफ महिलाएं ही संगठित होकर आवाज बुलंद कर सकती हैं।