विधानसभा चुनाव परिणाम 11 को, प्रत्याशियों की बढ़ी धड़कन
रायपुर, 10 दिसंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव परिणाम को लेकर प्रत्याशियों के दिल की धड़कन तेज हो गई है। इधर चुनाव आयोग ने मतगणना की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। यह पहली बार होगा जब ड्रोन कैमरे से पूरे मतगणना परिसर की निगरानी रखी जाएगी। मतगणना में सुरक्षा को लेकर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की जा रही है।
चुनाव के नतीजे मंगलवार 11 दिसम्बर को आएंगे। सुबह आठ बजे से ही काउटिंग शुरू हो जाएगी और नौ बजे से रुझान आने शुरू हो जाएंगे। इधर चुनाव परिणाम को लेकर राजनीतिक दलों, प्रदेश स्तरीय नेताओं और पार्टी प्रत्याशियों की दिलों की धड़कनें तेज हो गई हैं। अधिकांश प्रत्याशी कार्यकर्ताओं और आम मतदाताओं के माध्यम से रुझान जानने के लिए प्रयासरत हैं। अब तक के एग्जिट पोल में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिलने का दावा नहीं किया गया है। वहीं इस बार प्रदेश में त्रिशंकु चुनाव को लेकर भी काफी रोमांच बना हुआ है।
हालांकि जानकारों की मानें तो प्रदेश में त्रिशंकु परिणाम के आसार कम है। इसका कारण भी स्पष्ट है कि मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही हुआ है। जोगी कांग्रेस के साथ बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन वाली सीटों पर मुश्किल से छह सीट आने की उम्मीद है। दोनों ही राष्ट्रीय दलों को यदि स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता तो ये छह सीटें भी काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं। इसके अलावा राज्य के रायगढ़, महासमुंद और बसना में चुनाव लड़ने वाले निर्दलीय प्रत्याशियों की भूमिका भी इस तरह की परिस्थितियों में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। हालांकि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल अपनी-अपनी जीत के प्रति बहुत आश्वस्त नजर आ रहे हैं।
इधर मतगणना को लेकर छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग ने तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। पुलिस प्रशासन की ओर से कानून और सुरक्षा-व्यवस्था को मजबूत करते हुए शांति बनाए रखने के लिए आधा दर्जन से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। यह पहली बार होगा कि मतगणना स्थल में कई स्तर के जांच-पड़ताल के बाद ही पासधारकों को प्रवेश दिया जाएगा। आलम यह होगा कि मतगणना में शामिल अधिकारियों, कर्मचारियों को भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति लेनी होगी। इसका मतलब यह हुआ कि एक टेबल में बैठा कर्मचारी दूसरी टेबल तक भी नहीं जा सकेगा। इधर सुरक्षा को और सख्त करते हुए इस बार पूरे मतगणना स्थल को ड्रोन कैमरे से निगरानी रखी जाएगी।
इधर भाजपा के नेताओं ने पार्टी प्रत्याशियों को स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि विजयी प्रत्याशी जीत का प्रमाण पत्र लेकर सीधे पार्टी मुख्यालय पहुंचेंगे और किसी भी तरह के विजय जुलूस आदि में शामिल नहीं होंगे। कुछ इसी तरह के निर्देश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भी अपने प्रत्याशियों को दिया है। इस निर्देश का सीधा मतलब यही है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों को खरीद-फरोख्त की आशंका है। इससे बचने के लिए ही दोनों ही दल अपने-अपने विजयी प्रत्याशियों को एकसाथ रखना चाहते हैं।