लोकसभा में भारी हंगामे के बीच बिना चर्चा के आम बजट ध्वनिमत से पारित

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नई दिल्ली, 14 मार्च (हि.स.)। लोकसभा में आज वर्ष 2018-19 का आम बजट विपक्ष के भारी हंगामे के बीच बिना किसी चर्चा के ध्वनिमत से पारित हो गया। वित्तमंत्री अरूण जेटली ने नारेबाजी और शोरगुल के बीच आम बजट के कर प्रावधानों को विधायी रूप देने वाले वित्त विधेयक को पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। सदन में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के खर्चे संबंधी विनियोग विधेयक को भी मंजूरी दी। इसके पहले विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की अनुदान मांगों को एकमुश्त रूप से सदन की मंजूरी के लिए पटल पर रखा गया। यह प्रक्रिया ‘गिलोटिन’ कही जाती है जिसमें बिना किसी चर्चा के संबंधित मामले को सदन स्वीकार कर लेता है। आम बजट को अब राज्यसभा में मंजूरी के लिए रखा जाएगा लेकिन यह केवल तकनीकी औपचारिकता है। राज्यसभा में सत्तापक्ष का बहुमत नहीं है लेकिन सदन बजट को नामंजूर नहीं कर सकता। राज्यसभा बजट प्रस्ताव को मंजूरी देकर लोकसभा को लौटा देगी जिसके बाद केंद्रीय बजट को पारित करने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। हाल के वर्षों में यह पहला मौका है जब किसी भी मंत्रालय की अनुदान मांगों और वित्त विधेयक को सदन में बिना चर्चा के पारित किया गया है। बजट सत्र का दूसरा चरण गत पांच मार्च को शुरू होने के बाद से ही सदन में विपक्षी सदस्यों तथा सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सहयोगी तेलुगूदेशम पार्टी (टीडीपी) के हंगामे के कारण कोई कामकाज नहीं हो सका है। बुधवार को जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो रोज की भांति ही विपक्ष और राजग की सहयोगी टीडीपी के सदस्य लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। इस कारण सदन की बैठक 12 बजे तक के लिए स्थगित हो गई। दोबारा सदन की बैठक शुरू होने पर वित्त विधेयक तथा कुछ मंत्रालयों की अनुदान मांगों को मंजूरी प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू हुई। इस दौरान सदन में जमकर नारेबाजी हो रही थी। भारी हंगामे के बीच ही लोकसभा अध्यक्ष ने वित्तमंत्री अरूण जेटली को विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों और विनियोग व वित्त विधेयक को सदन की मंजूरी के लिए पटल पर रखने को कहा। विनियोग विधेयक के बिना चर्चा ध्वनिमत से पारित होने के बाद जैसे ही श्री जेटली ने वित्त विधेयक को मंजूरी के लिए सदन के पटल पर रखा| कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने कार्यवाही का बहिष्कार कर बहिर्गमन किया। श्री जेटली ने वित्त विधेयक 2018-19 को 21 संशोधनों के साथ विचार तथा पारित कराने के लिए पेश किया, जिसे सदन ने बिना चर्चा के ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।


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