लालू ने तोड़ी चुप्पी, नीतीश को खुला पत्र लिखाकर कहा— मिसाइल के जमाने में तीर-तीर किए जा रहे हो?
लालू ने तोड़ी चुप्पी, नीतीश को खुला पत्र लिखाकर कहा— मिसाइल के जमाने में तीर-तीर किए जा रहे हो?
पटना,13 मई. (हि.स.)। लोकसभा के छठे चरण का चुनाव संपन्न हो चुका है और इसके साथ ही सातवें और अंतिम चरण की तारीख भी सामने है। बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए शुरू हुए मतदान के बाद पहली बार राजद सुप्रीमो लालू यादव ने अपना मुंह खोला और मुंह खोलते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक खुला पत्र लिख दिया। फेसबुक पर नीतीश कुमार के लिए लिखे गये पत्र में लालू यादव ने जदयू के चुनाव चिन्ह ‘तीर’ को बिहार की जनता के लिए घातक कहते हुए जनता के लिए पीठ में छुरा घोंपने वाला बताया है। फेसबुक में उन्होंने तीर से लालटेन की तुलना कर इस युग में भी लालटेन के महत्व की चर्चा करते हुए नीतीश को लपेटा है। खुले पत्र में लालू ने नीतीश कुमार को छोटा भाई कहकर संबोधित किया है।
लालू ने लिखा है—’सुनो छोटे भाई नीतीश, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि तुम्हें आजकल उजालों से कुछ ज्यादा ही नफरत सी हो गई है। दिनभर लालू और उसकी लौ लालटेन-लालटेन का जाप करते रहते हो। तुम्हें पता है कि नहीं, लालटेन प्रकाश और रोशनी का पर्याय है। मोहब्बत और भाईचारे का प्रतीक है। गरीबों के जीवन से तिमिर हटाने का उपकरण है। हमने लालटेन के प्रकाश से गैरबराबरी, नफरत, अत्याचार और अन्याय का अंधेरा दूर भगाया है और भगाते रहेंगे। तुम्हारा चिह्न तीर तो हिंसा फैलाने वाला हथियार है। मार-काट व हिंसा का पर्याय और प्रतीक है और हां जनता को लालटेन की ज़रूरत हर परिस्थिति में होती है’।
लालू यादव ने आगे अपनी पोस्ट में लिखा है, ‘प्रकाश तो दिए का भी होता है। लालटेन का भी होता है और बल्ब का भी होता है। बल्ब की रोशनी से तुम बेरोज़गारी, उत्पीड़न, घृणा, अत्याचार, अन्याय और असमानता का अंधेरा नहीं हटा सकते, इसके लिए मोहब्बत के साथ खुले दिल और दिमाग से दिया जलाना होता है। समानता, शांति, प्रेम और न्याय दिलाने के लिए खुद को दिया और बाती बनना पड़ता है। समझौतों को दरकिनार कर जातिवादी, मनुवादी और नफरती आंधियों से उलझते व जूझते हुए खुद को निरंतर जलाए रहना पड़ता है’।
सिद्धांत की बात बताते हुए लालू यादव ने लिखा, ‘तुम क्या जानो इन सब वैचारिक और सिद्धांतिक उसूलों को। डरकर शॉर्टकट ढूंढना और अवसर देख समझौते करना तुम्हारी बहुत पुरानी आदत रही है। और हां तुम कहां मिसाइल के जमाने में तीर-तीर किए जा रहे हो? तीर का ज़माना अब लद गया। तीर अब संग्रहालय में ही दिखेगा। लालटेन तो हर जगह जलती दिखेगी और पहले से अधिक जलती हुई मिलेगी क्योंकि 11 करोड़ गरीब जनता की पीठ में तुमने विश्वासघाती तीर ही ऐसे घोंपे है। बाकी तुम अब कीचड़ वाले फूल में तीर घोंपो या छुपाओ। तुम्हारी मर्जी’।
राजद की ओर से कुछ कहने से ही जदयू के नेताओं के बयान की लरी लग जाती है और जब लालू ने नीतीश को खुला पत्र लिख दिया तो जदयू कैसे चुप बैठता। जदयू के नेता संजय सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव जेल से मोबाइल का इस्तेमाल कर खत लिख रहे है। यह जांच का विषय है। जेल में रहकर भी वह राजनीति कर रहे है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान हर क्षेत्र में चुनावी सभाएं हो रही है। इन सभाओं में जदयू की ओर से बार-बार यह कहा जा रहा है कि अब बिहार में लालटेन युग चला गया। अब हर घर में बिजली आ गयी है, इसलिए लालटेन की जरुरत नहीं है। जंगलराज को खत्म करने के लिए एनडीए को वोट करें।