रिटायर आईएएस केपी रमैया को गिरफ्तार कर हाईकोर्ट में पेश नहीं सकी बिहार पुलिस

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रमैया के वकील ने कहा- अब मैं नहीं लडूंगा रमैया का केस
पटना,24 अप्रैल (हि.स.)। पटना हाईकोर्ट के सख्त निर्देश के बाद भी बिहार पुलिस राज्य के पूर्व आईएएस अधिकारी और बिहार लैंड ट्रिब्यूनल(बीएलटी) के न्यायिक सदस्य केपी रमैया को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश नहीं कर सकी। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही और न्यायाधीश अंजना मिश्रा की खंडपीठ को महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया कि फरार अभियुक्त केपी रमैया को गिरफ्तार करने की सभी कोशिशें अभी तक विफल रही हैं। उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस प्रशासन ने हर तरह की कार्रवाई की लेकिन रमैया अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ पाया है।
महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि रमैया की गिरफ्तारी के लिए हैदराबाद के पुलिस कमिश्नर से भी संपर्क किया गया है। आईपीएस रैंक के एक अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम रमैया को गिरफ्तार करने के लिए हैदराबाद गई हुई है लेकिन अभी तक पुलिस को सफलता नहीं मिली है। हैदराबाद स्थित रमैया के आवास पर ताला बंद है। वहां कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था। महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सोमवार को दिन के 3:30 बजे तक रमैया का मोबाइल फोन ऑन था लेकिन इसके बाद उसका मोबाइल का स्विच ऑफ हो गया। जिस समय मोबाइल ऑन था उस समय लोकेशन आंध्र प्रदेश का हैदराबाद दिखा रहा था। इससे यह प्रमाणित होता है कि रमैया उस वक्त वहीं था। उसके बाद से उसका कोई पता नहीं है।
रमैया की तरफ से कोर्ट में पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने कोर्ट से आग्रह किया कि रमैया की तरफ से मैंने जो वकालतनामा हाईकोर्ट में दायर किया है उसे वापस लेने की अनुमति मुझे दी जाए क्योंकि मैं अब उस व्यक्ति की पैरवी नहीं करना चाहता जो कानून का पालन नहीं कर अदालती आदेश की अवहेलना खुलेआम कर रहा है। सुनवाई के समय आईजी मुख्यालय गणेश कुमार भी उपस्थित थे।
सुनवाई के समय मुख्य न्यायाधीश का न्यायकक्ष वकीलों से खचाखच भरा हुआ था। मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से यह पूछा कि जिस व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज है उस व्यक्ति ने ऐच्छिक सेवानिवृत्ति कैसे ले ली। सरकार ने उस व्यक्ति को बिहार लैंड ट्रिब्यूनल में सदस्य प्रशासन कैसे बना दिया, सरकार ने उसका पेंशन क्यों नहीं रोका,सरकार को चाहिए कि अविलंब उसका पासपोर्ट नियमानुसार जब्त करवाये, क्योंकि संभव है कि वह व्यक्ति भारत छोड़कर दूसरे देश में चला जाये।
कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि जिस व्यक्ति के खिलाफ 6 करोड़ से ज्यादा के घोटाले का मामला दर्ज है वह आराम से घूम रहा है, सरकार उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। ऐसी बात नहीं है कि इस बात की जानकारी सरकार और उसके आला अधिकारियों को नहीं है। जानकारी के बावजूद उस व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई जो सरकार और कानून की आंखों में धूल झोंक रहा है। आखिर उस व्यक्ति पर किसका वरदहस्त है। कोई न कोई तो जरूर है जिसके कारण उसके खिलाफ कोई भी कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है और यही कारण है कि वह आदमी सभी को धोखा दे रहा है और कानून की धज्जियां उड़ा रहा है।
कोर्ट ने महाधिवक्ता के अनुरोध पर इस मामले को 30 अप्रैल मंगलवार को सुनवाई के लिए रखते हुए कहा कि बेहतर होगा कि पुलिस उसे जल्द से जल्द गिरफ्तार कर ले।अगर ऐसा नहीं होता है तो कोर्ट सरकार के खिलाफ कुछ भी आदेश पारित कर सकता है और अगर ऐसा होता है तो यह सरकार के लिए खतरे की घंटी साबित होगी क्योंकि कानून से बड़ा कोई नहीं है।

 


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