राबर्ट म्यूलर की 400 पृष्ठों की बहुचर्चित रिपोर्ट उजागर
वाशिंगटन, 19 अप्रैल (हि.स.)। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूस के बीच 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान कथित परस्पर संबंधों पर स्पेशल काउंसलर राबर्ट म्यूलर की बहुचर्चित रिपोर्ट गुरुवार को उजागर हो गई। 400 पृष्ठों की इस रिपोर्ट में कहा गया है, ‘विशेष वकील की जांच में यह सिद्ध नहीं हुआ कि चुनाव अभियान में ट्रंप के चुनाव प्रचार के सदस्यों ने रूसी सरकार के साथ साजिश रची या समन्वय किया।’
अमेरिका के अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि 2016 के चुनावों में रूस की दखलनदाजी पर मूलर रिपोर्ट से निष्कर्ष निकलता है कि न तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और न ही उनके अभियान ने रूस के साथ सहयोग किया। लेकिन कहा गया है कि ट्रम्प प्रशासन के न्यायिक विभाग ने इस जांच कार्य को प्रभावित करने के लिए अनेक संकेत पीछे छोड़ दिए हैं। इस तथ्य के मद्देनज़र डोनाल्ड ट्रम्प को सीधे इंगित नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद ऐसे बहुत से अनबुझे सवाल छूट गए हैं जिन पर संभव है संसद (कांग्रेस) कोई राय बना पाए।राबर्ट म्यूलर ने कहा है कि राष्ट्रपति चुनाव में रूस की अनधिकृत हस्तक्षेप को लेकर फ़ेडरल जांच कर्ताओं ने ट्रम्प और उनके चुनाव प्रचार में लगे वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की जब-तब कोशिश की गई, ट्रम्प की ओर से उस क़दम को कमतर आंकने की कोशिश की गई।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रपति अपने अधीनस्थ अधिकारियों के ज़रिए भी रिपोर्ट को प्रभावित करने की कोशिश की, लेकिन उन सभी अधिकारियों ने आदेश पालन करने की बजाए पद से ही त्याग पत्र दे दिया। इस संदर्भ में उन्होंने व्हाइट हाउस में अपने अधिकारों के अंतर्गत कुछ विवादास्पद निर्णय भी लिए हैं। इनमें फ़ेडरल जांच एजेंसी के निदेशक जेम्स कोमी का हटाया जाना मुख्य है। म्यूलर की नियुक्ति पर जब ट्रम्प को बताया गया था, तब वह क्रोध से आपे से बाहर हो गए थे। चर्चा है, डेमोक्रेटिक पार्टी इस रिपोर्ट के बारे में संज्ञान लेने का मन बना चुकी है।