राजा-महाराजा के बीच वर्चस्व की लड़ाई, राहुल करेंगे भिंड-ग्वालियर का फैसला

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ग्वालियर, 08 अप्रैल (हि.स.)। ग्वालियर अंचल में राजा-महाराजा के बीच वर्चस्व की लड़ाई में भिंड और ग्वालियर का टिकट फाइनल करने के लिए राहुल गांधी को हस्तक्षेप करना पड़ सकता है। इसके लिए राहुल के साथ कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दीपक बाबरिया की मीटिंग होगी। इसके बाद ही न सिर्फ ग्वालियर अंचल बल्कि प्रदेश की लंबित सीटों का भी समाधान किया जाएगा।
विवाद की यह स्थिति भिंड सीट से आईटी एक्सपर्ट और आरटीआई एक्टिविस्ट देवाशीष जारौलिया के नाम को हवा मिलना और ग्वालियर से कद्दावर नेता अशोक सिंह के नाम को हरीझंडी मिलती देख ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने हाथ मोहर लगाने से पीछे खींच लिए हैं। इसलिए अभी तक दोनों सीटों पर उम्मीदवार तय नहीं हो पाए हैं। अगर भिंड की सीट सिंधिया खेमे से बाहर जाती हुई दिखाई दी तो वह ग्वालियर पर महल का दांव भी खेल सकते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता काशीराम देहलवार कहते हैं कि कांग्रेस ने इन्हीं संभावनाओं को देखते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया के नाम को शहर और ग्रामीण कांग्रेस से ओके करा दिया था। हालांकि बातचीत में सिंधिया अपनी पत्नी के नाम पर मना करते रहे हैं। सिंधिया का एक दांव यह भी है कि अगर उन्हें प्रदेश की किसी अन्य कठिन सीट पर चुनाव लड़ने भेजा गया तो उस स्थिति में जरूर वे अपनी पत्नी को ग्वालियर या गुना से चुनाव लड़ाना पसंद करेंगे।
भिंड से देवाशीष और अर्गल के बीच दावेदारी
लोकसभा क्षेत्र भिंड सुरक्षित से बसपा से आए देवाशीष जारौलिया और भाजपा से सांसद रहे अशोक अर्गल के बीच कांटे की टक्कर हो रही है। दोनों दावेदार अपने-अपने टिकट के लिए आशान्वित हैं। देवाशीष के साथ मुश्किल है कि उनके नाम पर सिंधिया समर्थकों ने सहमति नहीं दी है। बस इसी बात को लेकर सिंधिया दोबारा रिपोर्ट मंगा रहे हैं। देवाशीष जारौलिया ने ‘हिन्दुस्स्थान समाचार’ को बताया कि अभी वे टिकट-इन-वेटिंग में हैं। अशोक अर्गल भी स्वयं को वेटिंग में मान रहे हैं। भिंड से भाजपा ने दिमनी की पूर्व विधायक संध्या राय को चुनाव मैदान में उतारा है। वे अपने चुनावी संपर्क में जुट भी गईं हैं। शनिवार को केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने न सिर्फ उनके चुनावी कार्यालय का श्रीगणेश किया था बल्कि वे संध्या के समर्थन में भिंड शहर के अंदर जनसंपर्क भी कर चुके हैं।
ग्वालियर में अशोक सिंह पर बन सकती है सहमति
खास बात है कि अशोक सिंह के नाम पर ग्वालियर में सहमति बन सकती है। वे सोमवार को सुबह अतिआवश्यक कार्य निपटाने के लिए ग्वालियर आए थे और दोपहर बाद वापस दिल्ली चले भी गए। भाजपा ने यहां महापौर विवेक शेजवलकर को चुनाव मैदान में उतारा है। पारिवारिक पृष्ठभूमि पर नजर डालें तो शेजवलकर की काफी सशक्त पृष्ठभूमि है । इनके पिता नारायण कृष्ण शेजवलकर ग्वालियर से दो बार सांसद और एक बार राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं। साथ ही एक बार उन्होंने महापौर का गुरुतर दायित्व भी संभाला था। विवेक शेजवलकर भी लोगों से मिलने-मिलाने में जुटे हैं।


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