यमुना, बेतवा में बाढ़ से किसानों के खेत जलमग्न

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शहर में बाढ़ का पानी रोकने को मंगवाई गई बालू से भरी 10 हजार बोरियां
बाढ़ के पानी की निकासी को पंपिंग सेट लगे
हमीरपुर, 28 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में ​नदियों के रौद्र रूप के कारण जहां किसानों के खेत जलमग्न हो गये हैं, वहीं शहर में भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। जिले में शनिवार को यमुना और बेतवा नदियों के रूख को देखते हुए अब बाढ़ की स्थिति बन जाने से मौदहा बांध निर्माण खण्ड के अभियंताओं में हड़कंप मच गया है।
जिला मुख्यालय को बाढ़ से बचाने के लिये अभियंताओं ने 10 हजार मौरंग से भरी बोरियां नगर के कई हिस्सों में डंप कर दिया है। बाढ़ के पानी को बाहर करने के लिये भी पंपिंग सेट की व्यवस्था की गयी है। वहीं शहर में नदियों में लगे वाल्व (गेट) को भी बंद कर दिया गया है। यमुना नदी के जलस्तर में लगातार इजाफा होने से पड़ोसी जिले के रामपुर सहित कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा गया है। सैकड़ों किसानों की खेती भी बाढ़ के पानी में डूब गये है।
मौदहा बांध निर्माण खण्ड हमीरपुर के अधिशाषी अभियंता ए.के. निरंजन ने शनिवार को बताया कि बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण यहां यमुना नदी का जलस्तर 96.060 मीटर हो गया है, वहीं बेतवा नदी भी 96.070 मीटर पार कर गयी है। हालांकि अभी यह दोनों नदियां खतरे के निशान नीचे हैं, लेकिन तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। रविवार को दोनों नदियों का जलस्तर दो मीटर और बढ़ सकता है क्योंकि हथनीकुंड और अन्य बांधों से लगातार पानी का डिस्चार्ज हो रहा है। उन्होंने बताया कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुये मौरंग से भरी 10 हजार बोरियों की व्यवस्था कर इसे लोक निर्माण विभाग के डाक बंगला के पास डंप किया गया है साथ ही बेतवा पुल के पास व कल्पवृक्ष के निकट भी बोरियां रखी गयी है।
नगर के कई हिस्सों से बाढ़ का पानी शहर में घुस सकता है। इसीलिये पहले बोरियों की व्यवस्था कर पानी अन्दर आने से रोका जायेगा। इसके साथ ही पतालेश्वर मंदिर के पास यमुना नदी में लगे वाल्व (गेट) को बंद कर दिया गया है। इसी तरह से बेतवा नदी के वाल्व भी बंद करा दिये गये हैं। पंपिंग सेटों की भी व्यवस्था कर दी गयी है। अभियंताओं और कर्मचारियों को दोनों नदियों की बाढ़ को लेकर ड्यूटी लगा दी गयी है। इधर अपर जिलाधिकारी केबी अग्रवाल ने मौदहा बांध निर्माण खण्ड के अधिशाषी अभियंता एके निरंजन के साथ बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। उधर यमुना व बेतवा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण केसरिया का डेरा, मेरापुर व अमिपरता, कलौलीतीर, चंदुलीतीर व टिकरौली सहित कई इलाकों में हड़कंप मच गया है। सैकड़ों किसानों की खेती भी बाढ़ के पानी में डूब गयी है। यमुना नदी की बाढ़ से रामपुर, लहुरीमऊ गांव के खेतों मेें भी पानी भर गया है।
बता दें कि शुक्रवार को यमुना नदी किनारे बना शमशान भवन बाढ़ के पानी में डूब गया था साथ ही सिटी फॉरेस्ट के पास रुहाइन नाला भी उफना गया है। नगर के पुराना जमुना घाट में यमुना नदी के फैलाव से सैकड़ों लोगों में चिंतायें बढ़ गयी है। यहां के बाशिन्दे बाढ़ को लेकर रात भर जागते रहे।


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