मेरे जैसे कितने प्रधानमंत्री आए और आयेंगे यह देश अजर-अमर रहेगा: प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्ली (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को एक निजी समाचार चैनल के कार्यक्रम में कहा कि मैं और मेरे जैसे कितने प्रधानमंत्री आए और आयेंगे, लेकिन यह देश अजर-अमर रहेगा। पाकिस्तान के वायु हमले को लेकर उन्होंने कहा कि आज राफेल की कमी महसूस हो रही है। यदि आज राफेल होता तो नतीजा इससे कुछ अलग होता। पहले राफेल पर स्वार्थ नीति और अब राजनीति के चलते देश का बहुत नुकसान हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने विरोधियों पर प्रहार करते हुए कहा कि आतंक के खिलाफ पूरी दुनिया आज हमारे साथ हैं, लेकिन कुछ दु:ख इस बात का है कि हमारे देश में बैठी कुछ राजनीतिक पार्टियां हम पर ही संदेह कर रही हैं। ये वही लोग हैं, जिनके बयानों को पाकिस्तान के टीवी चैनलों और रेडियो पर भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है। ये लोग मोदी विरोध करते-करते देश विरोध पर उतर आए हैं। मैं ऐसे लोगों से पूछना चाहता हूं कि आपको हमारी सेना के सामर्थ्य पर विश्वास है या फिर संदेह है। लोग कहते थे मोदी को विदेश नीति पता नहीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का भारत अपनी नीति और पर चल रहा है। वर्तमान भारत निर्भीक और साहसी है। आज के भारत में देश के अन्दर बैठे गद्दारों और बाहर बैठे दुश्मनों में खौफ है। पाकिस्तान पर भारत द्वारा गत दिन किए गए एयर स्ट्राइक और उसके बाद उसके दो फाइटर प्लेन को मार कर भारतीय वायुसेना द्वारा गिरा दिए जाने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब कोई दुश्मन भारत मां की ओर आंख उठाकर नहीं देखेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि दुश्मनों को हमारे सैनिकों के पराक्रम से डर लगता है तो यह डर अच्छा है। जब आतंकियों में सैनिकों का डर हो तो यह अच्छे संकेत हैं। अति विशिष्ट (वीवीआइपी) हेलीकाप्टर डील में दलाली के आरोप में प्रत्यर्पित बिचौलिए क्रिस्चन मिशेल का नाम लेकर कांग्रेस पर तंज कसते हुए पीएम ने कहा कि मामा के बोलने से जब बड़े-बड़े परिवार बौखला जाएं तो यह डर भी अच्छा है। भ्रष्ट नेताओं को जेल जाने का डर सताए तो यह डर अच्छा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के चुनाव के बाद जब मैं दिल्ली आया तो मुझे बहुत सी बातों का अनुभव नहीं था। केंद्र सरकार कैसे चलती है, क्या सिस्टम है और क्या व्यवस्था है, यह पता नहीं था। लेकिन, यह मेरे लिए वरदान साबित हुआ। उन्होंने कहा, ‘यदि मैं पुराना हिस्सा होता तो चुनाव के बाद एक खांचे की तरह जाकर फिट हो जाता। मुझे याद है कि 2014 से पहले न्यूज स्टूडियों में चर्चा होती थी कि मोदी को क्या मालूम है कि दुनिया में क्या चल रहा है। ये सवाल थे और ये स्वाभाविक थे। एक राज्य से आए व्यक्ति के लिए स्वाभाविक थे। लेकिन बीते दिनों के घटनाक्रम में आपको दिखाई दे गया होगा कि भारत की विदेश नीति का प्रभाव क्या है?’