मुख्यमंत्री ने एनआरएल विस्तार परियोजना से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की
गोलाघाट (असम), 05 फरवरी (हि.स.)। नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) की विस्तार परियोजना के लिए मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने 600 बीघा भूमि अधिग्रहण से संबंधित सभी मुद्दों को हल करने के लिए आज नुमलीगढ़ स्थित एनआरएल गेस्ट हाउस में एसीएमएस, एटीटीएसए, एनआरएल, गोलाघाट जिला प्रशासन और राजाबारी चाय बागान के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
सभी पक्षों को सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने भूमि अधिग्रहण मामले के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए कई निर्देश दिए ताकि, यह सुनिश्चित किया जा सके कि राजाबाड़ी चाय बागान का एक भी स्थायी या अस्थायी कर्मचारी इस अधिग्रहण से प्रभावित न हो।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार चाय बागान के 156 स्थायी श्रमिकों को प्रत्येक को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्णय लिया गया है। इसमें से 04 लाख रुपये का भुगतान चाय बागान प्रबंधन द्वारा किया जाएगा। वहीं 1 लाख रुपये राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
इसी तरह 222 अस्थायी कर्मचारियों को भी मुआवजा दिया जाएगा। 2.50 लाख प्रत्येक, जिसमें से चाय बागान प्रबंधन द्वारा 2 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा 50 हजार रुपये दिये जाएंगे।
इसके अलावा, एनआरएल चाय बागान के 100 श्रमिकों, यानी 50 स्थायी और 50 अस्थायी कर्मचारियों को नियुक्ति देने के लिए आगे आया है।
एटीटीएसए और एसीएमएस के प्रतिनिधियों के अनुरोधों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय युवाओं, विशेषकर चाय से जुड़े लोगों के हितों की सेवा के लिए नुमालीगढ़ में एक अत्याधुनिक कौशल विकास केंद्र स्थापित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने एसीएमएस को गोलाघाट जिले के मिशन पैटी में इसके द्वारा प्रस्तावित एक छात्रावास के निर्माण के लिए राज्य सरकार से वित्तीय सहायता देने का भी आश्वासन दिया।
बैठक में कृषि मंत्री अतुल बोरा, वित्त मंत्री अजंता नेउग और स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत, सांसद कामाख्या प्रसाद तासा और विधायक बिश्वजीत फुकन मौजूद रहे।