मुंबई में लोकसभा सीटों को लेकर कांग्रेसियों में घमासान, आलाकमान परेशान

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राहुल गांधी ने प्रिया दत्त को उत्तर-मध्य मुंबई संसदीय सीट से चुनाव लड़ने पर किया रजामंद
नई दिल्ली,04 मार्च (हि.स.)। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 6 लोकसभा सीटें हैं। इनमें से महत्वपूर्ण सीटों पर प्रत्याशी बनने को लेकर कांग्रेसी नेताओं में घमासान मचा हुआ है। पार्टी के प्यारे होने के कारण मुसलमान नेता अलग ही तेवर दिखा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इसमें से कांग्रेस के दो विधायक नसीम खान और बाबा सिद्दिकी ने तो अभिनेता व केन्द्रीय मंत्री रहे सुनील दत्त्त की बेटी व पूर्व सांसद प्रिया दत्त को उत्तर-मध्य मुंबई संसदीय सीट से लड़ने पर फिर से हरवाने की धमकी दे दी है। प्रिया दत्त के विश्वासपात्र लोगों का कहना है कि 2014 के चुनाव में यहां से प्रत्याशी रहीं प्रिया दत्त को हरवाने में स्थानीय विधायक नसीम खान व बाबा सिद्दकी की प्रमुख भूमिका रही। इसके कारण प्रिया दत्त ने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। इसके चलते महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपा शंकर सिंह जिनको राबर्ट वाड्रा का प्रिय माना जाता है और नसीम खान तथा बाबा सिद्दीकी ने उत्तर-मध्य मुंबई संसदीय सीट से पार्टी (कांग्रेस) का टिकट पाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। शिवसेना से आकर कांग्रेस के लंबरदार बन गये संजय निरूपम की भी इस संसदीय सीट पर निगाह लगी हुई है। कांग्रेस के एक पदाधिकारी का कहना है कि आंतरिक सर्वे से मिली इस रिपोर्ट के बाद कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने इस सीट से सांसद रहीं प्रिया दत्त से बात करके चुनाव लड़ने से मना करने का कारण पूछा। उनसे वजह जानने के बाद कहा कि वहां से चुनाव आपको ही लड़ना है। इस तरह से राहुल ने प्रिया दत्त को चुनाव लड़ने के लिए तो मना लिया, लेकिन उनके प्रत्याशी बनाये जाने पर पार्टी के दो मुस्लिम विधायकों नसीम खान व बाबा सिद्दिकी के भीतरघात की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए राहुल गांधी ने इन दोनों के विधानसभा क्षेत्र से कुछ ईमानदार, जूझारू मुस्लिम युवकों के नाम मंगवाये हैं, जिन्हें आगामी विधानसभा चुनाव लड़वाया जा सके। इस तरह से कांग्रेस अलाकमान ने कृपा शंकर सिंह, संजय निरूपम, नसीम खान व बाबा सिद्द्की को झटका देते हुए उत्तर-मध्य मुंबई संसदीय सीट से प्रिया दत्त को चुनाव लड़ने की तैयारी करने का निर्देश दे दिया है। जो 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की पूनम महाजन से हार गई थीं। इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार डा. हरि देसाई का कहना है कि यह संसदीय क्षेत्र ऐसा है जिसमें फिल्मवाले रहते हैं। यहां के लोग प्रिया दत्त के पिता सुनील दत्त व माता नरगिस को बहुत मानते रहे हैं और आज भी उनका नाम सम्मान के साथ लेते हैं। इसलिए प्रिया दत्त के लिए यह संसदीय क्षेत्र बहुत अच्छा है। इस संसदीय क्षेत्र के लिए विवादास्पद कृपा शंकर और बड़बोले संजय निरूपम से हर मामले में प्रिया दत्त अच्छी हैं। यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी अच्छी है। पूर्व मंत्री सुरेन्द्र का कहना है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र में पड़ने वाले दो विधानसभा क्षेत्र के विधायकों नसीम खान और बाबा सिद्दीकी ने प्रिया दत्त का विरोध करके हरवा दिया था। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उन दोनों का नाम भी इस बार इस संसदीय क्षेत्र के प्रत्याशी के लिए दिया है। लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने उन दोनों के नाम को तरजीह नहीं दी और प्रिया दत्त के नाम पर मुहर लगा दी है। इसकी एक वजह यह भी है कि आज जो राजनीतिक हालात बने हैं, उसमें इस संसदीय सीट के ज्यादातर मुसलमान किसी नसीम खान व बाबा सिद्दीकी की नहीं सुन कर, कांग्रेस का जो भी प्रत्याशी होगा उसको वोट देंगे। यही वजह है कि कृपा शंकर सिंह व संजय निरूपम इस सीट से लड़ने के लिए, टिकट पाने के लिए हर तरह का उपक्रम कर रहे थे। वाराणसी के एक व्यक्ति जो कई दशक से मुंबई रहते हैं, उनका कहना है कि कृपा शंकर सिंह को उम्मीद थी कि राहुल गांधी के बहनोई राबर्ट वाड्रा से प्रगाढ़ता के चलते इस संसदीय सीट पर उनको प्रत्याशी बना दिया जाएगा। लेकिन राहुल गांधी ने किसी को भी तरजीह नहीं देकर और यहां से सांसद रहीं प्रिया दत्त को फिर से चुनाव लड़ने के लिए मना लिया, जो कि पार्टी की अन्दरूनी घटिया राजनीति के कारण दुखी होकर चुनाव लड़ने से मना कर दी थीं। इस तरह प्रिया दत्त को टिकट मिलने की संभावना के मद्देनजर अब इन दोनों की निगाह उत्तर-पश्चिम मुंबई संसदीय सीट पर लग गई है। इस सीट के लिए राज्य कांग्रेस ने जो नाम भेजे हैं उसमें इन दोनों के नाम हैं। उत्तर-पश्चिम मुंबई संसदीय सीट से गुरूदास कामत चुनाव लड़ते थे और शिवसेना के प्रत्याशी से हार गये थे। कामत अब रहे नहीं। सो कृपा शंकर सिंह, संजय निरूपम, नसीम खान व बाबा ने इस सीट से भी अपना नाम आगे बढ़वाये हैं। इन दोनों को लगता है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर उत्तर भारतीय मतदाता शिवसेना के प्रत्याशी को वोट नहीं देंगे, क्योंकि शिवसेना लगातार उत्तर भारतीयों के विरोध में बोलती , धमकी देती रहती है। उनको मारती-पीटती रही है। इसलिए कृपा शंकर सिंह, संजय निरूपम, नसीम खान, बाबा सिद्दीकी यहां से टिकट पाने की कोशिश करने लगे हैं। इसी तरह से मुंबई की अन्य कई संसदीय सीटों पर भी कांग्रेसी नेताओं में घमासान चल रहा है।


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